राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम,क्षेत्रीय निदेशालय शिमला को “प्रथम पुरस्कार”  प्रदान किया गया…..

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अमृतसर : पहाड़ी खेती, समाचार( 03, नवम्बर)राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर क्षेत्र-1 तथा उत्तर क्षेत्र-2 के राज्यों में स्थित केन्द्रीय सरकार के विभिन्न कार्यालयों/ बैंको/ उपक्रमों में वर्ष 2020-21 एवं 2021-2022 हेतु कार्यालय की श्रेणी “क” क्षेत्र में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम,क्षेत्रीय निदेशालय शिमला को “प्रथम पुरस्कार” प्रदान किया गया।

यह पुरस्कार वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ,अमृतसर में आयोजित हुये कार्यक्रम में दिये गये। यह पुरस्कार माननीय गृह राज्य मंत्री की अनुपस्तिथि में मुख्य अतिथि डॉक्टर मीनाक्षी जॉली, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तरित किये गए तथा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, शिमला के क्षेत्रीय निदेशक राकेश वर्मा द्वारा ग्रहण किये गए।

क्षेत्रीय निदेशक राकेश वर्मा ने राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। साथ ही साथ अपनी टीम राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, शिमला को बधाई का पात्र बताया। उन्होंने कहा कि निगम के लिए यह गौरव की बात है। पुरस्कार के मिलने से निगम को हिंदी भाषा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा व निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी। उनका यह भी कहना था कि इस कार्य के लिए हमने कोई विशेष अतिरिक्त कार्य, पुरस्कार प्राप्ति हेतु नहीं किया । उन्होंने ने कहा कि हम तो सिर्फ हिंदी विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का विधिवत पालन करते रहे है, और ये पुरस्कार इनाम के तौर पर अपने आप ही मिलते चले गये।


क्षेत्रीय निदेशक ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम न सिर्फ हिंदी में बेहतर काम कर रहा है बल्कि हिमाचल प्रदेश में सहकारी समितियों को मजबूत करने और इनके माध्यम से प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुना करने के सपने को पूरा करने में अपनी अहम् भूमिका निभा रहा है।क्षेत्रीय निदेशक महोदय ने कहा कि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किये गए प्रयास भविष्य में भी जारी रखे जायेंगे।


गौरतलब है कि विगत कई वर्षो में क्षेत्रीय कार्यालय शिमला को पहले भी पुरस्कार दिए जा चुके हैं। कोविड काल वर्ष 2019-20 को छोड़कर निरन्तर शेष वर्षों 2015-16 से 2021-22 तक प्रथम पुरस्कार (जिसमे 2017-18 में द्वितीय पुरस्कार) दिया गया, शामिल है।

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