MC शिमला के चुनावों की घोषणा से पहले ही पक्ष-विपक्ष आपने सामने, BJP ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, अब इस तारीख़ को होगी दलीलें, पढ़ें पूरी खबर..

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शिमला:  पहाड़ी खेती, समाचार ( 17, मार्च )नगर निगम शिमला के चुनावों की अभी घोषणा भी नहीं हो पाई है की सत्ता पक्ष एवं विपक्ष नगर निगम चुनावों को लेकर आमने सामने आ गए है। भाजपा ने सरकार और प्रशासन पर वोटर लिस्ट में धांधली के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद भाजपा ने आज गुरूवार को शिमला नगर निगम के वार्डों की संख्या घटाए जाने के विरोध में हिमाचल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका डालने के बाद कहा कि शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है और साथ ही हिमाचल प्रदेश नगर निगम (चुनाव) नियम, 2012 का उल्लंघन है।

सतपाल जैन ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया कि जब वार्डों को 34 से बढ़ाकर 41 करने की पूरी कवायद कानून को मद्देनजर रखते हुए और सभी नियमों की पालना करते हुए की थी, तो हिमाचल सरकार द्वारा वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने का कोई औचित्य नहीं था।

उन्होंने कहा कि अन्यथा वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के बाद भी डेलिमिटेशन के नियमों के अनुसार 34 वार्डों के डेलिमिटेशन की प्रक्रिया फिर से करने की क्या आवश्यकता थी।

इसलिए, वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के साथ- साथ पुराने डेलिमिटेशन को अपनाना दोनों अवैध, असंवैधानिक है और रद्द किए जाने योग्य हैं। उन्होंने आग्रह किया कि उत्तरदाताओं को हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार नए सिरे से डेलिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्देशित किया जाए।

लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने राज्य सरकार के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया और दोनों प्रतिवादियों को मामला दायर करने का निर्देश दिया है।

माननीय उच्च न्यायालय ने आगे की दलीलों के लिए मामले को 28-3-2023 के लिए फिक्स किया है। इस अवसर पर अधिवक्ता वीर बहादुर वर्मा, अंकित धीमान, अनु वर्मा और मुकुल शर्मा उनके साथ रहे।

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