हिमाचल बजट 2023: 30 हजार नौकरियां देगी सरकार, पैरा वर्करों का मानदेय बढ़ेगा, शराब महंगी और दूध होगा सस्ता, जानें बजट की बड़ी घोषणाएं..
हिमाचल बजट 2023: 30 हजार नौकरियां देगी सरकार, पैरा वर्करों का मानदेय बढ़ेगा, शराब महंगी और दूध होगा सस्ता, जानें बजट की बड़ी घोषणाएं..
शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 17, मार्च )मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वित्त वर्ष 23-24 के लिए 53, 413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट में 25 हजार विभिन्न कार्यात्मक पदों को भरने की घोषणा है। स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा, पशुपालन, शहरी विकास, पंचायतीराज जल शक्ति, बिजली बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग आदि में पद भरे जाएंगे। इसके अतिरिक्त पेयजल, सिंचाई व सीवरेज स्कीमों के रख-रखाव व परिचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के पांच हजार पद भरे जाएंगे। बजट में विधायक ऐच्छिक निधि को 12 से बढ़ाकर 13 लाख रुपये करने की घोषणा की गई। विधायक क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये किया। बजट में घोषणा की गई कि सिंगल विंडो सिस्टम खत्म होगा। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन खोलेंगे। नई उद्योग नीति लाTई जाएगी। बेरोजगार युवाओं को 500 रूटों पर इलेक्ट्रिक वाहन के परमिट दिए जाएंगे। हमीरपुर में बस पोर्ट बनाया जाएगा जिस पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दिहाड़ी 375 रुपये करने की घोषणा की गई है।
ग्रीन हाइड्रोजन नीति बनाई जाएगी
हिमाचल प्रदेश में हर उपमंडल की दो पंचायतें ग्रीन पंचायतें बनेंगी। प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी। कांगड़ा हवाई पट्टी का विस्तार मौजूदा 1372 मीटर से 3010 मीटर किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ढ एज होम विकसित किए जाएंगे। कांगड़ा जिले के वनखंडी में 300 करोड़ से चिड़ियाघर का निर्माण होगा। इसके लिए भूमि का चयन कर लिया गया है।
नादौन और शिमला में बनेंगे ई-बस डिपो
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भगवान कृष्ण को प्रणाम कर बजट भाषण शुरू किया। बजट स्पीच के बीच माइक बंद हो गया। विपक्ष ने कहा यह व्यवस्था परिवर्तन है। सीएम सुक्खू ने कर्ज पर पूर्व भाजपा सरकार को घेरा। कहा कि हर हिमाचली पर आज 92, 833 रुपए का कर्ज है। समय के साथ-साथ बदलाव की जरूरत है। नादौन और शिमला में ई-बस डिपो बनाया जाएगा। एनपीएस कर्मचारियों के 8 हजार करोड़ रुपये केंद्र से वापस लाने के लिए भी सदन में विपक्ष से सहयोग मांगा..
पैरा वर्करों का मानदेय बढ़ाया
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अब 9500 रुपये प्रतिमाह, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6600 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 5200 रुपये, आशा वर्कर को 5200, मिड डे मिल वर्करों को 4000, वाटर कैरियर शिक्षा विभाग को 4400 रुपये, जलशक्ति विभाग बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता को 4400 रुपये और पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 6000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। दिहाड़ीदार की दिहाड़ी 25 रुपये बढ़ाकर 375 रुपये करने की घोषणा। आउटसोर्स को न्यूनतम 11250 रुपये मिलेंगे। पंचायत चौकीदारों को 7000 रुपये और राजस्व लंबरदार को 3700 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों को 500 रुपये, आईटी टीचर को 2000 और एसपीओ को 500 रुपये प्रति माह बढ़ोतरी की घोषणा। विधायक ऐच्छिक निधि को 12 लाख रुपये से बढ़ाकर 13 लाख रुपये किया।
नगर निगम महापौर का मानदेय पांच हजार बढ़ाया
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नगर निकाय के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की भी घोषणा की। नगर निगम महापौर का मानदेय पांच हजार रुपये बढ़ाकर 20000 रुपये प्रति माह किया गया। नगर निगम उप महापौर को 15000 रुपये प्रति माह, नगर निगम काउसंलर को 7000 रुपये प्रति माह, अध्यक्ष नगर परिषद को 8500 रुपये प्रति माह, उपाध्यक्ष नगर परिषद को 7000 रुपये प्रति माह, पार्षद नगर परिषद को 3500 रुपये प्रति माह, प्रधान नगर पंचायत को 7000 रुपये प्रति माह, उपप्रधान नगर पंचायत को 5500 रुपये प्रति माह, सदस्य नंगर पंचायत को 3500 रुपये प्रति माह मानेदय दिया जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया
अध्यक्ष जिला परिषद 20 हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। उपाध्यक्ष जिला परिषद को 15 हजार हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। सदस्य जिला परिषद को 6500 रुपये प्रति माह, अध्यक्ष बीडीसी को 9500 रुपये प्रति माह, उपाध्यक्ष बीडीसी को 7000 रुपये प्रति माह, सदस्य बीडीसी को 6000 रुपये प्रति माह, पंचायत प्रधान को 6000 रुपये प्रति माह, उप प्रधान को 4000 रुपये प्रति माह और सदस्य ग्राम पंचायत को 500 रुपये प्रति बैठक प्रदान किया जाएगा। ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग के लिए 1916 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
मनरेगा दिहाड़ी 28 रुपये बढ़ाई, हिम गंगा योजना शुरू होगी
मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा। मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 212 रुपये से 240 रुपये करने की घोषणा। जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 266 रुपये से 294 रुपये करने की घोषणा। 9 लाख मनरेगा मजदूरों को इससे लाभ मिलेगा। इससे 100 करोड़ का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल में नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त अभियान चलेगा। नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ा कानून लाया जाएगा। किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ की घोषणा। नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा।
25 हजार सब्सिडी देगी सरकार
विधवा पेंशन के लिए आयु सीमा खत्म क6रने की घोषणा। दिव्यांग जनों को भी लाभ दिया जाएगा। 40 हजार नए लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की घोषणा। पहले चरण में 2 लाख 31 महिलाओं को मिलेंगे 1500 रुपये मासिक दिए जाएंगे। विधवा और एकल नारी आवास योजना शुरू होगी। इसके तहत 7 हजार महिलाओं को डेढ़ लाख की राशि आवास के लिए दी जाएगी। बिजली पानी भी निशुल्क दिया जाएगा। 20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी दी जाएगी।
सभी जिले हेलीपोर्ट से जोड़े जाएंगे
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये जारी करवाने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा। सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय पैसा जारी करने में आनाकानी कर रहा है। पंद्रहवें वित्तायोग की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है। सभी जिले हेलीपोर्ट से जोड़े जाएंगे। सभी मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी डिपार्टमेंट बनाने की घोषणा। हिमाचल के सभी मेडिकल कालेजों में इस साल रोबोट सर्जरी शुरू होगी। इस पर 100 करोड़ खर्च होंगे। हर विस क्षेत्र में आर्दश स्वास्थ्य संस्थान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य
वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य है प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मैगावाट तक की 54 सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
* विश्व स्तरीय तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।
* शिक्षा में गुणवत्ता व सुधार के लिए नई पहलसामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार
* कृषि, बागवानी, पषुपालन व मत्स्य क्षेत्र में नए अवसर आधारभूत संरचना एवं निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा
* पैरा वर्कर, मनरेगा कामगार, छोटे दुकानदार तथा अन्य वर्गों का कल्याण
* इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य, डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा
हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। निजी व सरकारी क्षेत्र के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रथम चरण में 6 राष्ट्रीय व राज्य उच्च मार्गों का इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकास किया जाएगा। प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ई-बस व प्राइवेट ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान दिया जाएगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1, 500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए 1, 000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कांगड़ा बनेगी पर्यटन राजधानी, ये सुविधाएं मिलेगी
कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों पर गोल्फ कोर्स का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित किए जाएंगे। आइस स्केटिंग व रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण होगा। पौंग डैम में जल क्रीड़ा, शिकारा, क्रूज, यॉट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण होगा। एडीबी के माध्यम से 1, 311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना के तहत कांगड़ा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, मंडी सहित अन्य जिलों में हेरिटेज साइट के सौंदर्यीकरण, इको टूरिज्म व पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। प्रदेश के युवाओं को पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास के लिए वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये से उत्कृष्ट केंद्र के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा।
2, 000 करोड़ से शुरू होगा हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम
विश्व बैंक की सहायता से 2, 000 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। एचपीटीएल की ओर से 464 करोड़ रुपये की लागत से 6 ईएचवी सब स्टेशनों, 5 ट्रांसमिशन लाइनों व एक संयुक्त नियंत्रण केंद्र के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाएगा। ऊर्जा के क्रय-विक्रय के दक्ष प्रबंधन के लिए केंद्रीकृत प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।