100% दृष्टिबाधित होने पर भी पाया बड़ा मुकाम, बनी सहायक प्रोफेसर, अब बच्चों के जीवन में रोशनी भरेगी मुस्कान, पढ़ें पूरी खबर..

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सपने देखने के लिए आंखों की जरूरत नहीं होती। निश्चय दृढ़ हो, तो संकल्प पूरा हो ही जाता है। ऐसा ही एक सपना और दृढ़ संकल्प पूरा किया दृष्टि बाधित मुस्कान नेगी ने । जन्म से ही दृष्टि बाधित हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के चिड़गांव की रहने वाली मुस्कान नेगी का चयन संगीत के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ है। इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और उनके घर-परिवार में खुशी की लहर है। अगर इंसान की सोच बड़ी है तो विकलांग व्यक्ति भी वो कर सकता है जो हाथ, पैरों, व आंखों वाला व्यक्ति सोच भी नहीं सकता। अगर व्यक्ति के इरादें मज़बूत है तो कोई ऐसा फील्ड नहीं हैं जहाँ कोई.. व्यक्ति कामियाब न हो। दृष्टिबाधित छात्रा मुस्कान नेगी आज प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बनी है..पढ़ें पूरी ख़बर..

शिमला:  पहाड़ी खेती, समाचार ( 20, मार्च )हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी कर रही पूर्णतः दृष्टिबाधित छात्रा और बेहतरीन गायिका मुस्कान नेगी ने एक बार फिर साबित किया है प्रतिभा, मेहनत और लगन के सहारे दिव्यांग बेटियां भी ऊंची उड़ान भर सकती हैं।

राज्य लोक सेवा आयोग ने मुस्कान का चयन कॉलेज कैडर में संगीत विषय के सहायक प्रोफेसर पद के लिए किया है। वह अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और शिक्षकों के अलावा उमंग फाउंडेशन को भी देती हैं।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को राज्य लोक सेवा आयोग ने संगीत (गायन) के असिस्टेंट प्रोफेसर पद का साक्षात्कार लिया। उसी शाम परिणाम भी घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मुस्कान बचपन से उमंग फाउंडेशन के साथ जुड़ी हैं और उस के सहयोग से उन्होंने अनेक सफलताएं प्राप्त कीं। 

भारत के अलावा अमेरिका में भी मुस्कान ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर गायन प्रतिभा का लोहा मनवाया। भारतीय चुनाव आयोग ने उन्हें वर्ष 2017 एवं 2022 के के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के अनेक पुरस्कार प्राप्त किए जिनमें गोल्डन वॉइस अवार्ड और उड़ान आइडल अवार्ड शामिल है।

मुस्कान शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र के चिड़गांव के ग्राम सिन्दासली के जयसिंह एवं अंबिका देवी की गौरवशाली बेटी हैं। शिमला के पोर्टमोर स्कूल से 12वीं और उसके बाद उमंग फाउंडेशन की स्कॉलरशिप पर उन्होंने आरकेएमवी कॉलेज से बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एमफिल करने के बाद आजकल वह पीएचडी स्कॉलर हैं। 

मुस्कान के अनुसार उनकी सफलता के पीछे उमंग फाउंडेशन के सदस्यों का भी बड़ा योगदान है जो कदम कदम पर उनके साथ निस्वार्थ भाव से सहयोग करते रहे। उन्होंने कहा कि उनका सपना एक उत्कृष्ट गायिका बनने के साथ-साथ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनाना था। कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनना उस लक्ष्य का एक पड़ाव है।

उन्होंने कहा कि वे कॉलेज में पढ़ाने के साथ-साथ दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग बच्चों की सहायता, रक्तदान एवं सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता पैदा करने का काम उमंग फाउंडेशन के माध्यम से करती रहेंगी।

मुस्कान के पिता जय सिंह और माता अंबिका देवी ने कहा कि उनकी बेटी ने दृष्टि बाधित होने के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त कर जो सफलता हासिल की है उससे परिवार और समूचे क्षेत्र का गौरव बढ़ा है। इससे अन्य दिव्यांग बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी।

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