डिजिटल क्रांति: तरक्की पर ग्रामीण भारत, 6.40 लाख गांवों को ब्राडबैंड इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य,1.39 लाख करोड़ रुपये होंगे खर्च,केंद्र ने दी मंजूरी, पढ़ें पूरी खबर….

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नई दिल्ली: पहाड़ी खेती, समाचार (06, अगस्त) ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अब ऑनलाइन विशेषज्ञ डाक्टरों से चिकित्सीय सलाह ले सकेंगे। ऑनलाइन पैसे का आदान-प्रदान कर सकेंगे। ग्रामीण विद्यार्थी ऑनलाइन ट्यूशन पढ़ सकेंगे और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की अपने घर बैठे इंटरनेट के जरिये तैयारी कर सकेंगे।

इससे न सिर्फ उनका पैसा बचेगा बल्कि समय भी बर्बाद होने से भी बचेगा और ये सब संभव होगा ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन से। अभी जहां यह सुविधा उपलब्ध है वहां ब्राडबैंड कनेक्शन ने ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाना शुरू कर दिया है।

1.39 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए केंद्र ने दी मंजूरी

भारत नेट कार्यक्रम के तहत 6.40 लाख गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंचाने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये खर्च करने को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। फिलहाल 1.94 लाख गांवों में भारत नेट कार्यक्रम के तहत ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा पहुंच चुकी है। बाकी के बचे हुए गांवों में अगले दो से ढाई साल में यह सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा और कारोबार की बदलेगी तस्वीर

सूत्रों के मुताबिक भारत नेट के तहत गांवों में ब्राडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट चार जिलों के गांवों को जोड़ने के लिए चलाया गया। फिर इसका विस्तार 60 हजार गांवों तक हुआ। इनमें लगभग सभी राज्यों के गांव शामिल किए गए थे।

सीमांत गांवों तक ब्राडबैंड सुविधा मुहैया होने से ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर कारोबार तक में बदलाव होने की संभावना है। अभी जिन गांवों में यह सुविधा दी गई है, वहां के उद्यमी अपने जानवरों का इलाज इंटरनेट के माध्यम से शहर में बैठे डाक्टर से करा रहे है तो गांवों के स्वास्थ्य केंद्र से ग्रामीण की स्वास्थ्य रिपोर्ट बड़े शहर के डाक्टर को भेजी जा रही है।

भारत नेट का मुकाबला होगा जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों से

इसी तरह अन्य लाभ भी ग्रामीण उठा रहे हैं। भारत नेट को ब्राडबैंड कनेक्शन में जियो व एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों से मुकाबला करना होगा। इसलिए गुणवत्ता और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक आधुनिक केंद्रीकत सेंटर बनाया जा रहा है जहां से पूरे नेटवर्क की जानकारी मिल सकेगी।

किसी भी एरिया में इंटरनेट में फॉल्ट होने पर उसका तुरंत पता लग जाएगा और फिर उसकी मरम्मत की जाएगी। इंटरनेट के प्रवाह की ऐसी प्रणाली लगाई जा रही है, जिससे किसी एक जगह फाल्ट होने से इंटरनेट की सुविधा पर कोई फर्क नहीं पड़े।

उसी गांव के उद्यमी करेंगे हर घर ब्राडबैंड पहुंचाने का काम

गांव के हर घर तक ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंचाने का काम उसी गांव का वह उद्यमी करेगा, जिनके साथ भारत नेट परियोजना चलाने वाली सरकारी एजेंसी ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) समझौता करेगी। पायलट प्रोजेक्ट में लगभग 3,800 उद्यमी शामिल थे, जिन्होंने साढ़े तीन लाख से ऊपर ब्रॉडबैंड कनेक्शन ग्रामीणों को उपलब्ध कराए। ग्रामीण घरों में इंटरनेट बॉक्स को लगाने और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी उसी उद्यमी की होगी।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

ब्रॉडबैंड प्लान के तहत जो राजस्व प्राप्त होगा उसका आधा हिस्सा उस ग्रामीण उद्यमी को दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से ग्रामीण इलाके में 2.5 लाख रोजगार निकलेंगे। बीएसएनएल की तरफ से इन उद्यमियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। देश में अभी 37 लाख रूट किलोमीटर (आरकेएम) आप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है। इसमें से बीबीएनएल ने 7.70 लाख रूट किलोमीटर केबल बिछाई है।

साभार: एजेंसियां, जागरण,सोशल मीडिया नेटवर्क।

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