जिला शिमला में बर्फबारी के बाद जनजीवन अस्तव्यस्त, पटरी पर नहीं लौटा शहर, दिक्कतें बेसुमार
शिमलाः (पहाड़ी खेती, समाचार) जिला शिमला में हुई भारी बर्फबारी के बाद शुक्रवार को भी जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया। दिनभर लोगों को दिक्कतों से जूझना पड़ा। यातायात व्यवस्था बहाल करने के लिए वीरवार रातभर सड़कों पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया था। बर्फ इतनी ज्यादा थी कि व्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सका। हालांकि शुक्रवार को दिनभर धूप व छांव का खेल जारी रहा।
जिले में 181 सड़कें बर्फबारी के बाद से बंद पड़ी हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) सहित निजी बसों के 200 रूट बंद हैं। एचआरटीसी सहित कई निजी बसें बर्फबारी के कारण जगह-जगह फंसी हुई हैं। राजधानी में भारी हिमपात के बाद वीरवार रात से ही नगर निगम प्रशासन सड़कों को बहाल करने में जुट गया है। शहर में ओल्ड बस स्टैंड से सोलन की तरफ सड़क को बहाल कर दिया है। यहां पर फिसलन होने के कारण जाम लग रहा है। इसके अलावा पुराना बस स्टैंड से छोटा शिमला के लिए छोटे वाहनों के लिए रास्ता बहाल कर दिया गया है। वहीं लोगों को पैदल ही कार्यालय पहुंचना पड़ा।
शहर में तीनों ही अस्पतालों के लिए एंबुलेंस रोड को रात को ही बहाल कर दिया गया था। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) व कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) की सड़कों को साफ किया। हिमपात अधिक होने के कारण सड़कों पर फिसलन ज्यादा थी। ऐसे में लक्कड़ बाजार से संजौली तक सड़कों पर रेत डाल कर फिसलन को कम किया गया। इसके बाद अस्पताल के लिए आपात सेवाएं बहाल हो पाई। अन्य मुख्य मार्गो पर शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे तक मार्ग बहाल नहीं हो पाए।
शहर में तीन मुख्य मार्ग बंद पड़े हुए हैं। शिमला ग्रामीण में तीन, चौपाल में 25, ठियोग में 27, रोहड़ू में 93, रामपुर में आठ, कुमारसैन में 17, डोडराक्वार में पांच सड़कें बाधित पड़ी हुई हैं। शुक्रवार को ऊपरी शिमला के लिए न तो कोई बस गई और न ही ऊपरी शिमला से कोई वाहन शहर में प्रवेश कर सका। हालांकि प्रदेश के निचले क्षेत्रों से बर्फ हटाने का कार्य दिनभर चलता रहा। स्थिति से निपटने के लिए नोडल अफसर फील्ड में तैनात रहे। अस्पताल की सड़कों को सबसे पहले बहाल किया गया। शिमला के आइएसबीटी से दोपहर 12 बजे के बाद बस सेवा बहाल कर दी गई थी।
भारी बर्फबारी के कारण जिले में 1571 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं। इससे जिले के अधिकांश क्षेत्र अंधेरे में डूब गए हैं। लोगों को बिना बिजली के कड़ाके की ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है। शिमला शहरी क्षेत्र में शुक्रवार तीन बजे तक 300 ट्रांसफार्मर में विद्युत आपूर्ति बाधित थी। जबकि शिमला ग्रामीण में 37, चौपाल में 235, ठियोग में 375, रामपुर में 260, डोगराक्वार में 20 ट्रांसफार्मर बंद हैं। बिजली न होने के कारण लोगों का एक-दूसरे से संपर्क भी कट गया है। मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। इससे संचार सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।
शहर में हुई बर्फबारी के कारण शुक्रवार सुबह दूध, ब्रेड और आवश्यक सामान नहीं पहुंच पाया। लोग सुबह से ही दूध व ब्रेड के इंतजार में बैठे रहे। दोपहर एक बजे के बाद ही शहर के कुछ उपनगरों में दूध व ब्रेड की आपूर्ति हो पाई। ऊपरी शिमला के लिए सड़कें बंद होने के कारण दूध व ब्रेड की आपूर्ति नहीं हो पाई।
प्रशासन की ओर से सड़कों को बहाल करने के लिए शुक्रवार सुबह ही प्रयास तेज कर दिए गए थे। शहर में बर्फबारी से निपटने के लिए नगर निगम ने छह जेसीबी, दो रोबोट और 120 से अधिक मजदूर लगा रखे हैं। सुबह से ही निगम के अधिकारी फील्ड में तैनात रहे। हालांकि वार्डो में कई जगह पर संपर्क मार्ग अभी बंद पड़े हैं। प्रशासन का कहना है कि प्रमुख सड़कों को बहाल कर दिया गया है। वार्डो में भी रास्तों व सड़कों से बर्फ हटाई जा रही है। वहीं पार्षद भी अपने स्तर पर मजदूरों से वार्डो की सड़कों व रास्तों को साफ कर रहे हैं।
शुक्रवार को निगम ने सीटीओ से चौड़ा मैदान, हाईकोर्ट रोड, राजभवन से छोटा शिमला, कैपिटल होटल रोड कैथू, अनाडेल, भराड़ी सहित वार्डो की कई सड़कों को बहाल किया। वहीं मालरोड, रिज, लोअर बाजार, डीडी ऑफिस रोड कमांड सहित अन्य सड़कों से बर्फ हटाई। इसके अलावा ठियोग उपमंडल में तीन डोजर, रामपुर उपमंडल के ननखड़ी में दो जेसीबी और तकलेज में एक जेसीबी, सराहन में एक जेसीबी तैनात की गई है। कुमारसैन उपमंडल में एक जेसीबी, एक लोडर और एक डोजर तैनात किया गया है। बर्फबारी से निपटने के लिए जिले में युद्धस्तर पर काम चला हुआ है। शहर को पांच सेक्टर में विभाजित किया गया है। वीरवार रात से ही बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया था। जल्द ही सभी सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा।
आदित्य नेगी, उपायुक्त शिमला।
साभार: हिमदर्शन