‘बुर्किना फासो’ में सोने की खान के पास भीषण विस्फोट, 59 लोगों की मौत 100 से ज्यादा घायल…..

बुर्किना फासो : पहाड़ी खेती, समाचार ( 23, फरवरी ) दक्षिण-पश्चिमी बुर्किना फासो (Burkina Faso) में सोमवार को सोने की खान के पास भीषण विस्फोट (Explosion at Gold Mine) होने से कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
राष्ट्रीय प्रसारक ने यह जानकारी दी है। ‘आरटीबी’ की खबर के अनुसार, गबोम्ब्लोरा गांव (Gomgombiro Village) में विस्फोट के बाद क्षेत्रीय अधिकारियों ने हताहत हुए लोगों की संख्या की जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि खनन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों के कारण विस्फोट हुआ। विस्फोट के दौरान मौके पर मौजूद एक वन कर्मी ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘मुझे हर तरफ शव नजर आ रहे थे। वह भयावह था।’
उन्होंने बताया कि पहला विस्फोट सोमवार स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब दो बजे हुआ था और उसके बाद भी कई विस्फोट हुए।पोनी के उच्चायुक्त एंटोनी डौंबा ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि पोनी प्रांत में विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। इस हादसे की तस्वीरों में गिरे हुए पेड़ों और नष्ट हुए टिन के घरों का एक बड़ा विस्फोट स्थल दिखाया गया है। इसके अलावा लाशें चटाई से ढकी जमीन पर पड़ी थीं।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा संचालित सोने की खानों का घर है बुर्किना फासो
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि साइट पर किस प्रकार के सोने का खनन चल रहा था। बुर्किना फासो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा संचालित कुछ प्रमुख सोने की खानों का घर है। इसके अलावा यहां सैकड़ों छोटी और अनौपचारिक साइटें भी है, जो बिना निरीक्षण या विनियमन के संचालित होती हैं। बुर्किना फासो अफ्रीका में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सोना उत्पादक है और वर्तमान में महाद्वीप सबसे ज्यादा सोना रखने के मामले में पांचवें नंबर पर आता है। यहां उद्योग में लगभग 1.5 मिलियन लोग कार्यरत हैं और 2019 में इसकी कीमत लगभग 2 बिलियन डॉलर थी।
देश भर में लगभग 800 गोम्ब्लोरा जैसी छोटी सोने की खदानें बढ़ी
देश भर में लगभग 800 गोम्ब्लोरा जैसी छोटी सोने की खदानें बढ़ी हैं। दक्षिण अफ्रीका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, ज्यादातर सोने की तस्करी पड़ोसी टोगो, बेनिन, नाइजर और घाना में की जा रही है। कथित तौर पर अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े जिहादियों द्वारा छोटे पैमाने की खदानों का भी उपयोग किया जाता है, जिन्होंने 2016 से देश में हमले किए हैं। समूह कथित तौर पर खनिकों पर कर लगाकर धन जुटाते हैं और लड़ाकों की भर्ती के लिए खदान स्थलों का भी उपयोग करते हैं। खनन विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे पैमाने की खदानों में औद्योगिक खदानों की तुलना में कम नियम हैं और इसलिए यह अधिक खतरनाक हो सकता है।
साभार: TV 9 भारतवर्ष, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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