हिमाचल : शिमला आना अब पर्यटकों को पड़ेगा महंगा, महंगी हुई वाहनों की एंट्री, नई दरें 1 अप्रैल से लागू, पढ़ें पूरी खबर..

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बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले पर्यटकों को एक अप्रैल से कई टैक्स चुकाने होंगे। मौजूदा एंट्री टैक्स के अलावा सोलन जिले की धर्मपुर तहसील के सांवारा में बनने वाले टोल-प्लाजा पर भी अब टैक्स वसूला जाएगा। साथ ही, स्थानीय नागरिक निकाय अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों में शिमला की यात्रा करने वालों से ‘ग्रीन टैक्स’ वसूलने की भी पूरी तैयारी हो चुकी है। जहां पिछले दो दशक से प्रवेश कर लिया जा रहा है, वहीं परवाणू-सोलन राजमार्ग को फोरलेन बनाने में लगी निजी कंपनी एक अप्रैल से सांवारा में बन रहे प्लाजा पर टोल वसूल करेगी। राजमार्ग फोर-लेन का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, वे मानदंडों के अनुसार टोल वसूलने के पात्र हैं। फोरलेन पर सरकार ने एंट्री शुल्क अधिसूचित कर दिया है।

शिमला:  पहाड़ी खेती, समाचार ( 10, मार्च )हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों का प्रवेश शुल्क 10 से 50 रुपये तक बढ़ा दिया है। सुक्खू सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए टोल बैरियरों पर विभिन्न श्रेणियों के वाहनों से लिया जाने वाला 24 घंटे का प्रवेश शुल्क अधिसूचित कर दिया है। 1 अप्रैल से प्रदेश में नई दरें से लागू होंगी।

भारी मालवाहक वाहनों को अब 450 रुपये की जगह 500 रुपये चुकाने होंगे। 6 से 12 सीट वाले यात्री वाहनों को 80 रुपये और 12 सीट से अधिक को 140 रुपये देने होंगे। निजी वाहन चालकों को 40 रुपये की जगह अब 50 रुपये शुल्क देना पड़ेगा।

प्रदेश के तहत आने वाले 55 टोल बैरियरों के लिए कर एवं आबकारी विभाग ने प्रवेश शुल्क की दरें तय की हैं। मालवाहक वाहनों की श्रेणी में इस बार बदलाव किया गया है। पहले 120 क्विंटल से अधिक भार वाले वाहनों की एक ही श्रेणी थी। अब इसका वर्गीकरण कर 250 क्विंटल या उससे अधिक भार की एक नई श्रेणी बना दी गई है। इन वाहनों को प्रदेश में प्रवेश करने के लिए अब 600 रुपये शुल्क देना पड़ेगा।

बाहरी राज्यों के नंबर वाले भारी मालवाहक वाहनों के साथ हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत इन वाहनों से भी यह शुल्क वसूला जाएगा। प्रदेश के मालवाहक वाहनों को प्रवेश शुल्क में छूट नहीं दी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तय किए प्रवेश शुल्क के आधार पर ही बाहरी राज्यों के नंबरों के सभी श्रेणी के वाहनों के त्रैमासिक और सालाना पास बनाए जाएंगे। टोल बैरियरों से सटे प्रदेश के क्षेत्रों में बाहरी राज्यों के नंबरों वाले वाहनों के रियायती दाम के पास भी बनाए जाएंगे।

गौरतलब है कि एक ही सड़क पर कई करों का संग्रह एक बहस का मुद्दा बन गया है, जिसमें लोग पूछते हैं कि क्या सरकार केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सड़क पर कई कर लगा सकती है। पर्यटकों को उम्मीद थी कि एक बार राजमार्ग टोल का भुगतान कर दिए जाने के बाद, राज्य अपने स्वयं के प्रवेश कर को समाप्त कर देगा, लेकिन वित्तीय संकट को देखते हुए, इस तरह के कर को दूर करना संभव नहीं होगा। लेकिन बीतें कई वर्षों से हिमाचल पर्यटन प्रवाह में भारी गिरावट आई है, इसलिए कई कर पर्यटकों के लिए अच्छे नहीं होंगे इससे पर्यटकों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

साभार: एजेंसियां, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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