जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, जानें विस्तार से कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना ? पढ़ें पूरी खबर….

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नई दिल्ली: पहाड़ी खेती, समाचार ( 11, नवम्बर )

जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए थे। जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश जस्टिस चंद्रचूड़ ने की थी।

चंद्रचूड़ 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में इस पद से रिटायर हुए। 14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। दिल्ली हाई कोर्ट के जज नियुक्त होने से पहले वे तीसरी पीढ़ी के वकील थे। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

नए CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का रहेगा। वो 13 मई 2025 तक CJI के पद पर रहेंगे। आपको बताते चलें कि 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने CJI चंद्रचूड़ को एक लेटर भेजा था। इसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की गई थी। इसके बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को दिए अपने जवाब में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था। इसके बाद राष्ट्रपति के मुहर लगाने के बाद जस्टिस खन्ना का नाम तय किया गया।

आइए जानते हैं कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना, जिन्होंने आज ली है CJI डीवाई चंद्रचूड़ की जगह।

वह अनुच्छेद 370 के फैसले में भी रहे शामिल।

इलेक्ट्रॉरल बॉन्ड को रद्द करने वाली बेंच में थे।

PMLA केस में अरविंद केजरीवाल को दी अंतरिम जमानत।

वह लीजेंडरी जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। उनके चाचा ने ADM जबलपुर के फैसले में असहमति जताई थी और नाराज सरकार ने CJI नहीं बनाया था और जस्टिस एचआर खन्ना ने दे दिया था इस्तीफा।

2019 में जस्टिस संजीव खन्ना को SC जज बनाया गया।
पहले ही दिन वो अपने चाचा की कोर्ट में बैठे और यहीं जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर भी है।

दिल्ली के मॉर्डन स्कूल बाराखंभा रोड में पढ़े हैं।

डीयू के सेंट स्टीफन से स्नातक की डिग्री ली और डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की।

पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे हैं।

CJI खन्ना शांत, गंभीर और सरल स्वभाव के हैं। पब्लिसिटी से दूर रहते हैं।

वह 13 मई 2025 को रिटायर होंगे।

कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई। जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। फिर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया।

14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट के रहे जज

जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे। 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने। जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला। इस समय वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं।

किन बड़े फैसलों में रहे शामिल?

जस्टिस संजीव खन्ना बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जमानत भी दी थी। उन्होंने केजरीवाल को एक बार अंतरिम बेल और बाद में भी उन्हें नियमित बेल दी थी। VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस संजीव शामिल रहे हैं।

साभार: एजेंसियां सोशल मीडिया नेटवर्क।

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