शिक्षा में गजब की गुणवत्ता ! एक-एक अध्यापक के सहारे चल रहे 3154 सरकारी स्कूल, तो कहीं 2 बच्चों को पढ़ा रहे 5 अध्यापक, शिक्षा व्यवस्था को कैसे दरुस्त करेगी सुक्खू सरकार ? पढ़ें ये खबर…..
सुक्खू सरकार ने हिमाचल में 286 स्कूल किए बंद, शिक्षा मंत्री बोले राजनीतिक मंशा से जयराम सरकार ने खोले थे संस्थान, इन 286 स्कूलों में नहीं था एक भी बच्चें का दाखिला, प्रदेश के 3154 स्कूलों में केवल एक ही अध्यापक, 455 स्कूल चल रहे डेपुटेशन पर आए अध्यापकों के सहारे, इन स्कूलों को बंद करेगी सरकार, शिक्षा विभाग ने बनाए नए पैरामीटर, लगभग 6 हजार स्कूलों में 20 से भी कम बच्चों को संख्या, पढ़ें पूरी खबर..
शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 05, मार्च )हिमाचल प्रदेश में बिना बच्चों के 286 स्कूलों को बंद किया गया है जबकि आने वाले वक्त में कम बच्चों वाले और स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी की जा रही है जिसको लेकर सरकार ने मापदंड तय कर लिया है। हिमाचल प्रदेश में कुल 18000 से ज्यादा स्कूल हैं इसमें से 15000 से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं। सुक्खू सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार पर चुनावों से पहले संस्थानो को खोलने के आरोप लगाएं है बिना बच्चों के स्कूलों को बंद कर दिया है जिनमें ज्यादातर प्राइमरी और मिडल स्कूल हैं।
देश में जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिये यह मौलिक अधिकार बन गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों का अंबार लगा है तथा ऐसे उपायों की तलाश लगातार जारी रहती है, जिनसे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकें। सूबे में हर 5 वर्ष में सत्ता परिवर्तन होता है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में आज तक किसी भी तरह का क्रांतिकारी बदलाव नही हुआ है।
शिक्षा में गुणवत्ता लाना सुक्खू सरकार की प्राथमिकता, देखें पूरा वीडियो और क्या बोले रोहित ठाकुर..
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछली जय राम ठाकुर सरकार ने चुनाव से छ महीने पहले 314 शिक्षण संस्थान खोल दिए जिनमें 23 कॉलेज भी शामिल है लेकिन इनमें भी 65 विधार्थियों वाले कॉलेजों को बंद नहीं किया जायेगा। शिक्षा विभाग ने फिलहाल 286 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है जिनमें पिछले एक दो वर्षो से एक भी दाखिला नहीं था।
इसके अलावा शिक्षा विभाग ने प्राथमिक में 10, हाई में 20, वरिष्ठ माध्यमिक में 25 और कॉलेजों में 65 विद्यार्थी का फॉर्मूला तय कर दिया है। इनसे कम संख्या वाले शिक्षण संस्थानों को सरकार बंद कर देगी क्योंकि शिक्षा में गुणवत्ता लाना सरकार प्राथमिकता बता रही है।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 12000 के आसपास शिक्षकों की कमी है जिन्हें भरने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में 3154 स्कूल ऐसे हैं जहां पर केवल एक ही शिक्षक है। और 455 स्कूल ऐसे हैं जहां दूसरे स्कूलों से डेपुटेशन के आधार पर अध्यापक लगाए गए हैं। भविष्य में सरकार इन स्कूलों और अध्यापकों को लेकर भी निर्णय लेगी।
हिमाचल प्रदेश में लगभग 6000 स्कूल ऐसे हैं जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों पर भी बंद की तलवार लटक गई है।