केंद्र ने नेफेड और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) को लाल प्याज (खरीफ) की खरीद के लिए तुरंत बाजार में कदम उठाने का निर्देश: पढ़ें पूरी खबर…..

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नई दिल्ली : पहाड़ी खेती, समाचार( 09, मार्च ) रबी की फसल को सबसे ज्यादा समय तक रखा जा सकता है और इसका संग्रह किया जा सकता है जबकि खरीफ और पछेती खरीफ की फसल सीधी खपत के लिए होती है ये संग्रह के लायक नही होती। देश भर से अलग अलग समय में प्याज की फसल प्राप्त होने से पूरे वर्ष ताजा/गोदाम में रखे प्याज की नियमित आपूर्ति मिलती है। लेकिन कभी-कभी मौसम की मार के कारण या तो गोदाम में रखा प्याज खराब हो जाता है या खेतों में फसल नष्ट हो जाती है जिससे आपूर्ति बाधित होती है और घरेलू कीमतों में वृद्धि होती है।

ऐसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए, भारत सरकार ने प्याज की खरीद और बफर के रूप में भंडारण के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना की है ताकि कम उत्पादन के समय के दौरान आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखा जा सके।

पिछले साल उपभोक्ता कार्य विभाग के निर्देश के तहत नेफेड ने बफर स्टॉक के लिए 2.51 एलएमटी रबी प्याज खरीदा था। समय पर और सोच समझ कर प्याज की आपूर्ति ने सुनिश्चित किया कि कीमतें असामान्य रूप से नहीं बढ़ें। सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गोदाम में रखे प्याज की आपूर्ति पूरे देश में की गई। इस साल भी उपभोक्ता कार्य विभाग ने 2.5 एलएमटी प्याज को बफर स्टॉक के रूप में रखने का फैसला किया है।

प्याज का भंडारण चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अधिकांश स्टॉक को खुले मैदानों में खुली हवादार संरचनाओं (चॉल) में संग्रहीत किया जाता है और इस तरह के भंडारण की अपनी चुनौतियां हैं।  इसी वजह से प्याज को लंबे समय तक इस्तेमाल के लायक बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक कोल्ड चेन स्टोरेज की आवश्यकता है, जिनका परीक्षण जारी है। इस तरह के परीक्षणों की सफलता हाल ही में मूल्यों में दर्ज हुए उतार-चढ़ाव से बचने में मदद करेगी। बाजार पर नजर रखने वाले निर्यात नीति में भी निरंतरता का सुझाव देते हैं, क्योंकि इससे भारतीय प्याज के लिए एक बेहतर निर्यात बाजार सुनिश्चित होगा।

कृषि और किसान कल्याण विभाग राज्य सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है और बाजार पर कड़ी नजर रख रहा है ताकि किसानों के लाभ के लिए यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त कदम उठाए जा सकें।

साभार: एजेंसियां, पी आई बी, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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