अदभुत: भारत का पश्चिमी घाट है जैव विविधता का हॉटस्पॉट, जहां मौजूद हैं निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादपों (डेसीकेशन टोलेरेंट वैस्कुलर प्लांट्स ) की 62 प्रजातियां: पढ़ें पूरी खबर….

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नई दिल्ली:  पहाड़ी खेती, समाचार ( 02, जून )भारत का जैव विविधता हॉटस्पॉट, पश्चिमी घाट ऐसी , निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादपों (डेसीकेशन टोलेरेंट वैस्कुलर प्लांट्स ) की 62 प्रजातियों का घर है, जिनका विशेष रूप से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में कृषि कार्यों के लिए उपयोग हो सकता है ।

कोरालोडिस्कस लैनुगिनोसस का छायाचित्र

निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादप (डेसीकेशन टोलेरेंट वैस्कुलर प्लांट्स- (डीटी) अत्यधिक निर्जलीकरण का सामना करने में सक्षम हैं क्योंकि उनमे विद्यमान पानी की मात्रा का 95% तक अपव्यय हो जाने के बाद भी वे पानी के फिर से उपलब्ध होने पर स्वयं को पुनर्जीवित कर लेते हैं। यह अनूठी क्षमता उन्हें ऐसे प्रतिकूल एवं शुष्क वातावरण में जीवित रहने में सक्षम बना देती है जिसमें अधिकांशतः अन्य पौधे जीवित ही नहीं रह सकते ।

ऐसे डीटी पौधों का कृषि में विशेष रूप से सीमित जल संसाधनों वाले क्षेत्रों में उनके संभावित अनुप्रयोगों के लिए अध्ययन किया गया है । उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वे पृथ्वी की सतह से बाहर निकले चट्टानी भूभागों (रॉक आउटक्रॉप्स) में प्रमुखता से उत्पन्न हो जाते हैं ।

भारत में, डीटी पादपों का अपेक्षाकृत कम अध्ययन किया गया है। हालांकि पश्चिमी घाट (डब्ल्यूजी) में रॉक आउटक्रॉप्स सामान्य परिदृश्य हैं फिर भी इस क्षेत्र में निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादप (डीटी) के बारे में जानकारी कम ही है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, आगरकर शोध संस्थान (आगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट -एआरआई) पुणे के वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने पश्चिमी घाट में 62 ऐसी डीटी प्रजातियों की पहचान की है जो पहले से ज्ञात नौ प्रजातियों की तुलना में कई गुना अधिक है।

वनस्पति विज्ञान के नॉर्डिक जर्नल में प्रकाशित एक शोध पश्चिमी घाट (डब्ल्यूजी) पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय डीटी पौधों के बारे में सिंहावलोकन प्रदान करता है और इसमें आवास सम्बन्धी प्राथमिकताओं के साथ उन प्रजातियों की एक सूची भी शामिल है।

इन 62 प्रजातियों की सूची में, 16 भारतीय स्थानिक (इंडियन एंडेमिक) और 12 पश्चिमी घाट के बाहरी हिस्सों के लिए विशिष्ट होने के साथ ही वैश्विक डीटी हॉटस्पॉट के रूप में पश्चिमी घाटों (डब्ल्यूजी) के महत्व को उजागर करते हैं। अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी की सतह से बाहर निकले चट्टानी भूभागों (रॉक आउटक्रॉप्स) के अलावा, आंशिक रूप से आच्छादित वनों में पेड़ के तने भी डीटी प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण आवास स्थल के रूप में पाए गए।

शोधकर्ताओं की टीम ने मौसमी क्षेत्र अवलोकनों द्वारा डीटी पादपों के सापेक्ष जल सामग्री अनुमान प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद उनके निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादप (डेसीकेशन टोलेरेंट वैस्कुलर प्लांट्स- (डीटी) गुणों के लिए आउटक्रॉप प्रजातियों की छानबीन की। किसी एपिफाइटिक डीटी एंजियोस्पर्म के प्रतिनिधि के रूप में रिकॉर्ड के लिए ट्राइपोगोन कैपिलेटस के साथ वैश्विक परिप्रेक्ष्य में डीटी पौधों की नौ प्रजातियों को नए रूप में रिपोर्ट किया गया है। यह अध्ययन गेस्नेरियाड कोरालोडिस्कस लैनुगिनोसस के डीटी गुणों का पहला क्षेत्र अवलोकन-आधारित प्रमाण भी प्रदान करता है। इस प्रजाति की जलयोजन (हाइड्रेशन) प्रक्रिया को टाइम-लैप्स वीडियो में भी रिकॉर्ड किया गया है।

डॉ. मंदार दातार के नेतृत्व वाली टीम जिसमें स्मृति विजयन, अबोली कुलकर्णी और भूषण शिगवान शामिल थे, ने रॉस्टॉक यूनिवर्सिटी जर्मनी के डॉ. स्टीफन पोरेम्ब्स्की के साथ सहयोग किया था जिन्हें ट्रॉपिकल रॉक आउटक्रॉप्स के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है।

इस अध्ययन के निष्कर्ष पश्चिमी घाट की जैव विविधता और पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं और डीटी पौधों की प्रजातियों के संरक्षण में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा इस अध्ययन से उस प्रक्रिया को समझा जा सकता है जिसके द्वारा डीटी पादप निर्जलीकरण को सहन कर सकते हैं I इससे उन फसलों का विकास हो सकता है जो अधिक सूखा प्रतिरोधी हैं और जिन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है।

अधिक जानकारी के लिए, डॉ. एम.एन. दातार (mndatar@aripune.org) 020 25325057 या 9850057605 अध्ययन के संबंधित लेखक से संपर्क किया जा सकता है।

शोध पत्र विवरण : स्मृति, वी., कुलकर्णी, ए., शिगवान, बी.के., पोरेम्ब्स्की, एस., और दातार, एम.एन. (2023)। पश्चिमी घाट, भारत से निर्जलीकरण सहनीय संवहनी पादप (डेसीकेशन टोलेरेंट वैस्कुलर प्लांट्स ): समीक्षा, अद्यतन चेकलिस्ट, भविष्य की संभावनाएं, और नई अंतर्दृष्टि। नॉर्डिक जर्नल ऑफ़ बॉटनी, e03939।

कोरालोडिस्कस लैनुगिनोसस (Corallodiscus lanuginosus) पादप की निर्जलीकरण सहनशीलता को प्रदर्शित करने वाला एक छोटा वीडियो :

https://youtu.be/DmCf-op_yKo पर उपलब्ध है, जो इसके आकर्षक टाइम-लैप्स परिवर्तन को दर्शाता है।

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