आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : 30 करोड़ नौकरियां खा जाएगा AI, दुनियाभर में खड़ी होगी बेरोजगारों की फौज, किस सेक्टर पर गिरेगी गाज! पढ़ें पूरी खबर….

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इससे करोड़ों नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई के आने से 30 करोड़ नौकरियों पर गाज गिर सकती है। दुनियाभर की सरकारें एआई में निवेश करना चाहती हैं लेकिन उन्हें नौकरियां खोने का भी डर है।

नई दिल्ली:  पहाड़ी खेती, समाचार (18, जून ) आज पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई से दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। यह अमेरिका और यूरोप में लगभग एक चौथाई से अधिक तरह के काम कर सकता है। लेकिन साथ ही इससे नई तरह की नौकरियां मिल सकती हैं और प्रॉडक्टिविटी में भी उछाल आ सकती है।

इससे दुनियाभर में गुड्स एंड सर्विसेज की टोटल एन्युअल वैल्यू सात फीसदी तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खासकर जेनरेटिव एआई बहुत क्रांतिकारी है। यह इंसान की तरह कंटेंट क्रिएट कर सकता है। दुनियाभर की सरकारें एआई के फील्ड में निवेश को प्रमोट करना चाहती हैं। खासकर विकसित देश इसमें काफी रुचि दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे प्रॉडक्टिविटी बढ़ेगी और इकॉनमी में बढ़ोतरी होगी।

ब्रिटेन की टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी मिशेल डनलैन ने कहा कि एआई हमारे काम के अनुरूप काम करे, उसमें व्यवधान पैदा न करे। इससे हमारा काम बेहतर हो, न कि यह हमारा काम छीन ले। Goldman Sachs की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई का असर अलग-अलग सेक्टर पर अलग-अलग होगा।

उदाहरण के लिए 46 परसेंट एडमिनिस्ट्रेटिव और 44 परसेंट लीगल काम ऑटोमैटेड हो सकता है लेकिन कंस्ट्रक्शन में छह परसेंट और मेंटनेंस में चार प्रतिशत जॉब ही इससे प्रभावित हो सकते हैं। इससे पहले बीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ आर्टिस्ट्स ने इस बात पर चिंता जताई है कि एआई इमेज जेनरेटर्स उनकी नौकरी खा सकता है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के ऑक्सफर्ड मार्टिन स्कूल में फ्यूचर ऑफ वर्क डायरेक्टर कार्ल बेनेडिक्ट फ्रे ने कहा कि साफतौर पर यह नहीं कहा जा ससता है कि जेनरेटिव एआई से कितने लोगों की नौकरी जाएगी। उदाहरण के लिए ChatGPT एवरेज राइटिंग स्किल वाले लोगों को आर्टिकल्स लिखने में मदद करता है। इससे सबसे ज्यादा चुनौती जर्नलिस्ट्स को मिलेगी। अगर इस तरह के काम की डिमांड में भारी तेजी नहीं आती है तो इससे सैलरी में भारी कमी आएगी।

सैलरी में आएगी कमी

जीपीएस टेक्नोलॉजी और उबर के आने से ड्राइवरों के साथ ऐसा ही हुआ था। इससे इस बात का कोई महत्व नहीं रह गया कि आप को सड़कों का कितना अनुभव है। इससे ड्राइवरों की सैलरी में 10 फीसदी तक गिरावट आई। इससे ड्राइवर्स की संख्या तो कम नहीं हुई लेकिन उनकी सैलरी कम हो गई। अगले कुछ साल में जेनरेटिव एआई को क्रिएटिव कामों पर इसी तरह का असर देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट में एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा गया है कि आज 60 फीसदी वर्कर्स इस तरह के काम कर रहे हैं जो 1940 में नहीं थे।

फोटो साभार: सोशल मीडिया नेटवर्क

हर दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नया डेवलपमेंट देखने को मिल रहा है। चैटजीपीटी (ChatGPT) नामक एक नए एआई चैटबॉट ने लाखों लोगों के लिए कंटेंट क्यूरेशन और निर्माण को आसान और तेज बना दिया है। यह समाचार एआई, हालांकि, कई क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी द्वारा मनुष्यों को रिप्लेस करने के लिए भी काम कर सकता है।

OpenAI का नया चैटबॉट जिसे ChatGPT कहा जाता है, जल्द ही कई नौकरियों के लिए खतरा बन सकता है खासकर जब कंटेंट राइटिंग और एजुकेशन इंडस्ट्री की बात आती है।ChatGPT छात्रों के बीच पहले से ही लोकप्रिय हो गया है, जो इसका उपयोग अपने निबंधों को पूरा करने और अपना होमवर्क करने के लिए कर रहे हैं।


ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (University of Oxford) द्वारा किए गए रिसर्च ने निर्धारित किया कि अगले 10 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) (AI) के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में 47 प्रतिशत से अधिक नौकरियों में कटौती की जा सकती है। वहीं भारत जैसे विकासशील देश में भी इसी तरह के भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है।

ChatGPT संभावित रूप से सफेदपोश कार्यालय की नौकरियों को टारगेट कर सकता है और इसके उपयोग में आसानी के कारण लागत और अन्य चीजों के मामले में कई इंडस्ट्री के लिए लाखों की बचत कर सकता है। कई सफेदपोश नौकरियां पहले से ही एआई (AI) को अपने दैनिक कार्य में शामिल कर रही हैं, जो कुछ वर्षों में उनकी नौकरियों के लिए और अधिक खतरा पैदा कर सकता है।

Goldman Sachs द्वारा किए गए एक स्टडी के मुताबिक, ChatGPT जैसा AI दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक नौकरियों को बदल सकता है और काट सकता है। 2023 तक दुनिया भर में 30 करोड़ नौकरियां वैश्विक कार्यबल के 18 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।

व्हाइट-कॉलर नौकरियों पर उनकी भारी निर्भरता के कारण, विकासशील देशों के बजाय संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) और यूरोपीय देशों (European Countries) जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में करोड़ों नौकरियों की जगह चैटजीपीटी के बारे में स्थिति अधिक लगातार प्रतीत होती है।

5 इंडस्ट्रीज जिनके लिए AI chatbot ChatGPT ज्यादा खतरे पैदा कर सकता है:
टेक नौकरियां जैसे कोडिंग और कंप्यूटर इंजीनियरिंग
पत्रकारिता, विज्ञापन और कंटेंट राइटिंग जैसी मीडिया नौकरियां
कानूनी नौकरियां जैसे पैरालीगल और लॉ असिस्टेंट
मार्केट रिसर्च एनालिस्ट नौकरियां
फाइनेंस और ट्रेडिंग नौकरियां
जबकि ChatGPT संभावित रूप से दुनिया भर में करोड़ों नौकरियों के लिए खतरा पैदा कर सकता है, रिसर्चर्स ने कहा है कि भारत में नौकरियों की जगह एआई (Artificial Intelligence) एक मौजूदा खतरा नहीं है और ऐसा होने में कई दशक लग सकते हैं।

साभार: एजेंसियां, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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