हिमाचल प्रदेश में होगा मंत्रिमंडल विस्तार ! भरे जाएंगे खाली पड़े 3 मे से 2 पद, ये दो विधायक बनेंगे मंत्री, तीसरे पर फंसा पेच, पढ़ें पूरी खबर…..
शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार (25, जून )हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों के महकमे बदलने की चर्चा फिर से छिड़ गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिल्ली से शिमला लौटने के बाद फिर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सुक्खू ने पिछले दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से भेंट की है। उन्होंने केसी वेणुगोपाल, राजीव शुक्ला जैसे कई नेताओं से चर्चा की है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी कुछ नामों पर चर्चा हुई है। इनमें जिला बिलासपुर से घुमारवीं के विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंद्र गोमा के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं।
राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा के नाम पर पेंच फंसा है कि इनमें से किसे मंत्री बनाया जाए। अब आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार तय माना जा रहा है। मंत्री पद के लिए कांग्रेस हाईकमान मुख्यमंत्री से कई नामों पर चर्चा कर चुका है। उससे पहले या बाद में राज्य में मंत्रियों के कुछ विभाग बदले जा सकते हैं। कुछ सक्रिय मंत्रियों को महत्वपूर्ण महकमे दिए जा सकते हैं तो कुछ से वापस भी लिए जा सकते हैं। नए मंत्रियों को भी कई महत्वपूर्ण विभागों को दिया जा सकता है।
हालांकि, नियुक्तियां पार्टी हाईकमान मंजूरी के बाद की जाएंगी। संगठन और सरकार में तालमेल बनाए रखने के साथ साथ क्षेत्रिय और जातीय संतुलन भी बनाया जाएगा। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए नियुक्तियां की जाएंगी।
बता दें कि यदि धर्माणी के साथ राणा मंत्री बनते हैं तो इससे एक ब्राह्मण और राजपूत को बनाकर जातीय संतुलन तो बनेगा, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन गड़बड़ा जाएगा। यानी ऐसे में कांगड़ा को केवल एक ही नया मंत्री मिल पाएगा, जबकि कांगड़ा को तीन मंत्री देने जरूरी माना जा रहा है।
चंद्र कुमार अभी तक कांगड़ा से अकेले मंत्री हैं। धर्माणी के मंत्री बनने की स्थिति में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ड्राप हो सकते हैं, क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार में एक साथ दो ब्राह्मणों को मंत्री बनाने के पक्ष में हाईकमान नहीं होगा। वैसे तो राजपूत कोटे से भवानी सिंह पठानिया का नाम भी सामने आया है, लेकिन यादविंद्र गोमा का अनुसूचित जाति कोटे से मंत्री बनना लगभग तय है।