लोकसभा चुनाव से पहले जोर-आजमाइश, बेंगलुरु में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन तो दिल्ली में NDA की बैठक, जानें मुख्य बिन्दु , पढ़ें पूरी खबर…..

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नई दिल्ली:  पहाड़ी खेती, समाचार ( 18, जुलाई )2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मंगलवार का दिन अच्छी तरह से एक रास्ता तय कर सकता है क्योंकि विपक्ष द्वारा बेंगलुरु में दूसरी एकता बैठक के विपरीत भाजपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को फिर से खड़ा करने के मकसद से विपक्ष के समानांतर अपनी बैठक करेगी।

विपक्ष के लिए, एजेंडे में मुख्य बिंदु सीट-बंटवारे की रूपरेखा तय करना और अधिक समन्वय एवं बातचीत तक पहुंचना है।

दूसरी ओर, पिछली बार जीती गई सीटों में अपरिहार्य गिरावट की भरपाई के लिए भाजपा को नए क्षेत्रों से सीटें जीतने की जरूरत है, इसलिए वह अपने पुराने सहयोगियों को बनाए रखने और अंतर को भरने के लिए नए सहयोगियों की उम्मीद कर रही है। यह इस धारणा को दूर करने का भी प्रयास है कि पार्टी अपने सहयोगियों को पर्याप्त महत्व नहीं देती है।

विपक्ष और एनडीए बैठक को लेकर 10 अहम बिन्दु

० विपक्ष की कई प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को बेंगलुरु में रात्रिभोज के मौके पर बैठक की, जहां से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट हैं। वे मंगलवार को औपचारिक रूप से मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए।

० राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल होंगे और इसके बाद बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आगे की रूपरेखा पेश करेंगे। बैठक स्थल पर एक बैनर लगा था जिस पर ‘यूनाइटेड वी स्टैंड’ (हम एक हैं) लिखा हुआ था।

० कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।

० सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे। दो दिवसीय बैठक में विपक्षी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करेंगे और मिलकर आंदोलन करने की योजना की घोषणा करने के साथ ही साझा घोषणापत्र और हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

एनडीए की बैठक में शामिल होंगे 38 दल:

० चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) सहित भाजपा के कई नए सहयोगी दल मंगलवार को दिल्ली में होने जा रही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे। लंबे अरसे बाद हो रही राजग की बैठक में कम से कम 38 दलों के शामिल होने की उम्मीद है।

० महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के राजग की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। इनमें से कुछ दलों ने पहले भी भाजपा के साथ साझेदारी की थी।

० जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल जैसे अपने कई पारंपरिक सहयोगियों को खोने के बाद, भाजपा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राकांपा के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट, उत्तर प्रदेश में ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और आरएलजेडी के साथ गठबंधन करने में सफल रही है।

० भाजपा अध्यक्ष ने इन दलों को बैठक में उपस्थिति के लिए निमंत्रण भेजा है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘अजित पवार और मैं दिल्ली में राजग की बैठक में मौजूद रहेंगे।’ जन सेना के नेता पवन कल्याण और आरएलजेडी नेता कुशवाहा ने कहा है कि वे राजग की बैठक में शामिल होंगे।तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक और पूर्वोत्तर राज्यों तथा देश के अन्य हिस्सों के कई दल भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

० नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान इस स्तर की यह राजग पहली ऐसी बैठक होगी, जो अगले साल अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों से पहले एक प्रमुख गठबंधन सहयोगी के रूप में अपनी साख पेश करने की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर अनिवार्यता को रेखांकित करती है।

० उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की कई सीटों पर क्षेत्रीय दलों का किसी विशेष क्षेत्र या जाति में खासा प्रभाव माना जाता है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 120 सीट है।लोकसभा में लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा ने जहां नए सहयोगियों को समायोजित करने का प्रयास किया है, वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी गुट को कमजोर करने का भी काम किया है।

साभार: एजेंसियां, News 18,सोशल मीडिया नेटवर्क।

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