देवभूमि में ये कैसा ‘व्यवस्था परिवर्तन’? …..‘रिटायर्ड-टायर्ड’ को एक्सटेंशन, बेरोजगारों को नौकरी का टैंशन, पढ़ें पूरी खबर…..

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शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार (09, अगस्त)हिमाचल प्रदेश में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का नारा देने वाली ‘सुख की सरकार’ में भी कुछ नहीं बदला है । यह सरकार भी ‘टायर्ड और रिटायर्ड’ के सहारे ही चल रही है। आलम यह है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के राज में भी रिटायर्ड अफसरों की मौज हो रही है। एक तरफ जहां अफसरों को सेवा विस्तार मिल रहा है। वहीं, युवाओं और बेरोजगारों का नौकरी के लिए इंतजार बढ़ता जा रहा है।

अब ताजा मामले में ‘सुख की सरकार’ ने रिटायर्ड आईएएस अफसर अमिताभ अवस्थी को जल उपकर आयोग का चेयरमैन बनाया है। सोमवार देर शाम इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इससे पहले, सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान, राम सुभग सिंह और आईएएस प्रबोध सक्सेना को भी रिटायरमेंट के बाद नियुक्ति दी थी।

बताते चलें कि बीती भाजपा सरकार में विधानसभा सत्र के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व मुख्य सचिव राम सिंह सुभग को मुख्य सचिव बनाने पर जयराम ठाकुर को खूब घेरा था। लेकिन अब उन्हीं सुक्खू ने राम सिंह सुभग पर मेहरबानी दिखाई है और तैनाती दी है। इसी तरह आरडी धीमान को रिटायरमेंट के बाद मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया था। अब अमिताभ अवस्थी को चेयरमैन बनाया गया है। इसी तरह सीएम सुक्खू ने सलाहकारों की एक बडी फौज अपने साथ तैनात की है, जिन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है। उधर दूसरी ओर आर्थिक संकट का रोना रो रही सरकार लगातार ऐसी नियुक्तियां कर रही है, जिनकी वजह से प्रदेश सरकार के राजस्व पर असर पड़ रहा है।

बेरोजगार कर रहे इंतजार

हिमाचल में ‘सुख की सरकार’ के गठन के ठीक 13 दिन बाद 23 दिसंबर 2022 को जेओए (आईटी) का पेपर लीक हो गया था। हिमाचल पब्लिक सर्विस का यह पेपर एग्जाम से पहले लीक हुआ था । इसकी जांच में सामने आया है कि हमीरपुर में पब्लिक सर्विस कमीशन के दफ्तर से पेपर लीक का यह खेल लंबे समय से चल रहा था । अब तक की जांच में पता चला है कि 12 पेपर लीक हुए हैं। पब्लिक सर्विस कमीशन को सरकार ने भंग कर दिया था लेकिन अब तक नया आयोग सरकार बना नहीं पाई है। उधर बेरोजगारों की बेचैनी लगातार बढ़ रही है।

सीएम ने पांच माह पहले कहा था कि तीन महीने में जल्द नया आयोग बनाया जाएगा, लेकिन, अब तक ऐसा नहीं हुआ है। बेरोजगार लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं। लेकिन, सुख की सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। हाल ही में जेबीटी भर्ती को लेकर शिमला में सचिवालय के बाहर युवा रोते रहे। लेकिन सरकार पर उनके आंसुओं के सैलाब का कोई असर नहीं पड़ा।

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