हिमाचल में सैलाब: बल्ह हुआ जल-थल, सुकेती खड्ड ने 14 किलोमीटर क्षेत्र में मचाई तबाही, घर-दुकानें जलमग्न, पढ़ें पूरी खबर….
मंडी: पहाड़ी खेती, समाचार (13, अगस्त) हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात और शनिवार को बारिश से एक बार फिर भारी तबाही मची है। मंडी की सुकेती खड्ड में बाढ़ आने से बल्ह घाटी में मंडी शहर से पांच किलोमीटर दूर रत्ती से लेकर गुटकर तक करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र में 11 पंचायतें और नगर परिषद के आठ वार्डों में जलभराव हो गया। उधर, बैहना से लेकर गागल, कुम्मी, सोयरा तक हर तरफ पानी भर गया।
यह मंजर सुबह 7:00 से लेकर 10:00 बजे तक का था, जिसमें कई लोग पानी में फंस भी गए। हालांकि अन्य लोगों ने इन्हें सुरक्षित बचा लिया। खड्ड से सटे दोनों तरफ के दर्जनों गांवों खासकर मैदानी क्षेत्र में पांच से सात फीट तक पानी भर गया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज परिसर में भी जलभराव के साथ मलबा आ गया। इससे मरीजों को परेशानी हुई।
जलभराव के बीच रत्ती के दो पंप ऑपरेटरों को एक शिक्षक ने बचाया। कई शिक्षण संस्थानों में पानी भर गया। नेरचौक मुख्य बाजार में ही 50 से अधिक घर और दुकानें पूरी तरह से डूब गईं। सुकेती खड्ड का पानी पुल के ऊपर से गुजर गया। निजी और सरकारी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
बाढ़ से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल्ट में भी बाढ़ के कारण स्कूल की दीवार टूट गई। डीएवी स्कूल नेरचौक स्थित डडौर की चहारदीवारी भी ढह गई है। बैहना के पास एक निजी स्कूल फिनीक्स में भी सुकेती खड्ड का पानी घुसने से नुकसान हुआ है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।
उधर, कांगड़ा जिले में ब्यास नदी में बने पौंग बांध के गेट खोलने पड़े। वहीं, मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे पर छह मील के पास, पठानकोट-मंडी 32 मील के पास दिनभर और पांवटा-शिलाई एनएच तीसरे दिन भी पूर्ण रूप से बाधित रहा। प्रदेश में 302 सड़कें भी बाधित चल रही हैं। 1,184 बिजली के ट्रांसफार्मर और 26 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।
कालका-शिमला एनएच घंटों बंद रहा। हालांकि बीच बीच में वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, लेकिन भूस्खलन का खतरा बरकरार है। रातभर भारी बारिश में सैकड़ों लोग परेशान रहे। निर्माणाधीन सरकाघाट-धर्मपुर भी बाधित रहा। मंडी के धर्मपुर में सोन खड्ड एक बार फिर उफान पर आने से खड्ड किनारे बने बस अड्डे से एचआरटीसी को बसें हटानी पड़ीं।
कुल्लू के मणिकर्ण के गोज गांव में पहाड़ी से पत्थर गिरने से गाड़ी चकनाचूर हो गई। हालांकि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। राजधानी शिमला में विकासनगर से एसडीए कांप्लेक्स को जाने वाली सड़क ढह गई। सड़क का बड़ा हिस्सा पंथाघाटी की ओर जा रही मुख्य सड़क पर जा गिरा। इस कारण शनिवार दोपहर कुछ देर के लिए पंथाघाटी की ओर से जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी ठप रही। वाहनों को छोटा शिमला से कसुम्पटी होकर भेजा गया।
आठ जिलों में बाढ़ का खतरा
प्रदेश में रविवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। आठ जिलों मंडी, शिमला, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू और सोलन कि लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 16 अगस्त तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। पिछले दो दिन में बिलासपुर और मंडी जिले में सबसे ज्यादा बादल बरसे हैं।
साभार: एजेंसियां, अमर उजाला,सोशल मीडिया नेटवर्क।