आति वृष्टि: हिमाचल में 24 घंटे बारिश से कोहराम, 11 लोगों की मौत, 5 NH सहित 709 सड़कें बंद, पढ़ें पूरी खबर….

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शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार (24, अगस्त)हिमाचल प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में हुई बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। प्रदेश में दो बच्चों सहित 11 लोगों की जहां मौत हो गई। वहीं, 5 नेशनल हाईवे सहित 709 सड़कें भी बंद रही।

मंगलवार रात से शुरू हुई बारिश ने बुधवार पूरा दिन जमकर पानी बरसाया। आलम यह हुआ कि प्रदेश के कई जिलों में सब कुछ ठहर गया। शिमला में काफी ज्यादा लैंडस्लाइड  हुए।शहर की आधी से ज्यादा सड़कें बंद हो गई और कई जगह पेड़ गिरे। मंडी में पंडोह के कुकलोह में बादल फटा जिससे दो घर और स्कूल बह गया।

जिले में पिछले 24 घंटे में 8 लोगों की मौत हुई। 2 लोग अभी भी लापता हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर रैंस नाला में अत्यधिक पानी व मलबा आने से फोरलेन की टनल में मलबा चला गया। इसके साथ ही हणोगी माता मंदिर पर भी भारी मात्रा में मलबा आया है। एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने मौतों की पुष्टि की है। मृतकों में सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कल्हनी के गांव डगैल में भारी भूस्खलन से आए मलबे में एक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और इसमें 2 लोगों की दबने से मौके पर ही मौत हो गई है, जिसमें गोपी देवी पुत्री मीनु राम (14) और उनके नाना परमा नंद (62) हादसे के शिकार हुए और दोनो के शवों को गांव वालों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला। सराज क्षेत्र में नोक सिंह की गौशाला में दबने से मौत, जबकि गोहर उपमंडल व सदर तहसील में एक-एक शख्स की जान गई है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों फ़ौरी राहत राशि प्रदान कर दी है।

ग्राम पंचायत कलहनी के सराची में स्कूल मैदान सहित कई घर भूस्खलन की चपेट में आ गए है। मंडी के ही कटौला-कमांद के अरनेहड़ संगलेहड़ गांव में महिला लच्छमी देवी (52) पत्नी तुल्लू राम नाले में बह गई। नाले के पानी के रुख दूसरी तरफ मोड़ने के दौरान महिला तेज बहाव में बह गई औऱ उसकी मौत हो गई।

शिमला के मशोबरा में बच्चे की मौत हुई है। मशोबरा की पंचायत पीरन के डुमैहर में निर्माणाधीन गेट गिरने से पांच वर्षीय हर्षित शर्मा की मौके पर मौत हो गई। मंगलवार को यह हादसा पेश आया था। इसी तरह शिमला के बलदेयां में प्रवासी पति पत्नी की लैंडस्लाइड की चपेट में आने से मौत हो गई। यहां पर उनके शेड पर लैंडस्लाइड हुआ औऱ दोनों मलबे मे दब गए थे। पुलिस ने दोनों के शवों को निकाल लिया है।

सड़कों की हालात खराब, जनजीवन पर खासा असर

मंगलवार रात से शुरू हुई बारिश बुधवार शाम तक होती रही। बारिश के कारण शिमला-रामपुर नेशनल हाईवे भी बाधित रहा। परवाणू-शिमला फोरलेन पर दिनभर आवाजाही बाधित हुई। यहां चक्की मोड पर लैंडस्लाइड हुआ। बद्दी-पिंजौर मुख्य मार्ग पर पुल का एक पिलर धंसने से यह मार्ग बंद हो गया है। इसी तरह मंडी पठानकोट नेशनल हाईवे भी बंद रहा। मंडी के एडीएम डॉ. मदन कुमार ने बताया भूस्खलन होने के कारण मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद है। मंडी से कुल्लू के लिए जाने वाले सभी वैकल्पिक मार्ग ठप्प हैं। यहां पर करीब 350 वाहन फंसे हैं। मौके पर प्रशासन मौजूद है लोगों को राहत देने के लिए रिलीफ कैंप शुरू कर दिया गया है। वहां पर लोगों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है। एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने बताया कि मंडी जिला में दो नेशनल हाईवे के साथ 254 सड़के बंद है, पानी की 91 स्कीमें प्रभावित होने के साथ विद्युत विभाग के 1109 ट्रांसफार्मर बंद है। गौरतलब है कि हिमाचल में गुरुवार को भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

ब्यास और सहायक नदियों में स्टोन क्रशर पर रोक

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के प्रयोग को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान मौजूदा परिस्थितियों और कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार अगले आदेश तक बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों के सभी स्टोन क्रशर के संचालन को बंद कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, वैध खनन के लिए जारी अनुमति को रद्द नहीं किया गया है।

साभार: एजेंसियां, News 18, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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