हिमाचल प्रदेश में शीघ्र तैयार होगा किसान पोर्टल, होगी पशुगणना, प्रत्येक पशु पर 700 रुपये गोसदन को नहीं, अब किसान को देगी सरकार : चंद्र कुमार

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धर्मशाला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 22, दिसम्बर )पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि गोसदन में हर गाय पर सहयोग राशि देने के बावजूद लावारिस पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। विचार होना चाहिए कि गोसदन आधुनिक हों। हर किसान का एक पोर्टल तैयार होगा। उसके पास दूध देने वाले और कितने बूढ़े पशु हैं, पोर्टल पर इसका हिसाब रखा जाएगा। इसे नजदीकी अस्पताल से जोड़ा जाएगा। जो 700 रुपये हर पशु पर गोसदन को दिए जा रहे हैं, अब सीधे किसान को दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जल्दी पशुगणना भी शुरू की जाएगी। जिस तरह से टैगिंग हो रही है, उसे भी बदलना होगा। एक छोटी सी कैप्सूल चिप गाय या बैल में लगाई जाएगी। पशु खुला छोड़ने पर इस चिप से मालिक, गांव और ब्लॉक का नाम मालूम होगा। इसे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डिजाइन कर रहे हैं। फतेहपुर के कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया की ओर से मानसून सत्र में सदन में रखे संकल्प प्रस्ताव पर पशुपालन मंत्री ने शीत सत्र के तीसरे दिन वीरवार को जवाब दिया। मंत्री के जवाब पर संतोष जताते हुए उन्होंने गुरुवार को प्रस्ताव वापस ले लिया।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि यह कुछ कदम सरकार लेने जा रही है। चुने हुए विधायकों के सुझाव भी जरूरी हैं। अगर हिमाचल में शुरू करेंगे तो बाहरी राज्यों के लिए भी अच्छा संदेश जाएगा। पंजाब और हरियाणा में भी यह बड़ी समस्या है। पशुओं की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि गाय-बैल सड़कों पर हैं। बांझ होने पर गाय सड़कों पर छोड़ दी जाती हैं। पहले यह सब धार्मिक सोच के साथ जुड़ी चीजें थीं। धार्मिक संस्थाएं बेसहारा पशुओं को लेकर जाती थीं। उन्हें चारा और आश्रय भी दिए जाते थे।

दूरदराज के क्षेत्रों में टीकाकरण ठीक से नहीं होता है। उनकी पशुपालन विभाग के वैज्ञानिकों से बात हुई है। टीकाकरण प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। अगर डॉक्टर खुद टीकाकरण करेंगे तो इस कमी को ठीक किया जा सकता है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है। कहा कि गोवंश के मालिक को 500 से 700 रुपये तक जुर्माना का प्रावधान पंचायतों के कानून में है। नगर निकाय अधिनियम में भी 500 से 700 रुपए के जुर्माने की व्यवस्था है, मगर इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

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