हिमाचल की राशन पोर्टेबिलिटी योजना ठप, 3 महीनों से राशन न लेने वाले उपभोक्ताओं के राशन कार्ड ब्लॉक, इन लोगों को नहीं मिल रहा सस्ता राशन, पढ़ें पूरी खबर..
सांकेतिक फ़ोटो
- प्रदेश के लाखों लोगों के राशनकार्ड ब्लॉक हो जाएंगे। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा बार-बार कहने पर भी ई-केवाईसी न करवाने वाले लोगों को अब आने वाले दिनों में डिपो पर मिलने वाला सस्ता राशन नहीं मिल पाएगा। प्रदेश में लाखों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अभी यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इसके चलते इनको राशन देने की प्रक्रिया रोकी जा रही है।
- प्राप्त जानकारी अनुसार जिन राशन कार्ड में एक भी सदस्य की ई-केवाईसी नहीं हुई उन्हें पहले चरण में ब्लॉक करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। अकेले कांगड़ा जिला में ऐसे 24000 राशन कार्ड हैं, जबकि प्रदेश भर में यह आंकड़ा लाखों में है। लिहाजा विभाग के इस एक्शन का प्रदेश के लाखों राशनकार्ड उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। पढ़ें विस्तार से ..
शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 28, अक्टूबर ) खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने डिपो से लगातार तीन माह तक सस्ता राशन न लेने वाले उपभोक्ताओं के राशन कार्ड ब्लॉक करने शुरू कर दिए हैं। अब तक प्रदेश के 1, 350 कार्ड बंद किए जा चुके हैं। विभाग का मानना है कि इन उपभोक्ताओं को सस्ते राशन की जरूरत नहीं होगी, इसीलिए यह डिपो से सस्ता राशन नहीं ले रहे होंगे। प्रदेश सरकार ने जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों को तीन महीने से राशन न लेने वाले उपभोक्ताओं के कार्ड ब्लॉक कर मुख्यालय को सूचित करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, हिमाचल में पोर्टेबिलिटी योजना के काम न करने से कई उपभोक्ता परेशान हैं। इस योजना के मुताबिक लोग हिमाचल में कहीं भी किसी भी डिपो से सस्ता राशन ले सकते हैं। ऐसे में इन लोगों के कार्ड भी ब्लॉक हो रहे हैं। हालांकि कई उपभोक्ताओं को अपना कार्ड बंद होने से बचाने के लिए गांव जाकर राशन लेना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशन कार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर तीन दालें (मलका, माश, दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी और एक किलो नमक दे रही है। इसके अलावा गेंहू और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है।
तीन महीने राशन न लेने पर कार्ड ब्लॉक
तीन महीने तक डिपो से राशन न लेने पर उपभोक्ताओं के राशन कार्ड स्वतः ब्लॉक हो जाते हैं। इससे उन उपभोक्ताओं को असुविधा हो रही है, जो गांव से आकर शहरों में रह रहे हैं। अब उन्हें अपने गांव जाकर ही राशन प्राप्त करना पड़ता है, जो उनके लिए एक बड़ी समस्या बन रही है।
राम कुमार गौतम, निदेशक, खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता विभाग ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने केवाईसी नहीं करवाई है, उनके कार्ड भी ब्लॉक हो रहे हैं। कई लोग राशन नहीं ले रहे हैं। इनका राशन डिपो व गोदामों में पड़ा रहता है। ऐसे में यह राशन जरूरतमंद को मिलना चाहिए।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना (Ration Card Portability Scheme), जो उपभोक्ताओं को किसी भी डिपो से राशन लेने की सुविधा प्रदान करती है, इन दिनों पूरी तरह से ठप पड़ी है। शुरुआत में यह योजना सफलतापूर्वक चल रही थी, लेकिन हाल ही में साफ्टवेयर में बार-बार आने वाली समस्याओं के कारण यह योजना ठप पड़ी है। अब उपभोक्ताओं को डिपो में पॉश मशीनों में राशन कार्ड की एंट्री न होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है।
वहीं विभाग पोर्टेबिलिटी सिस्टम में सुधार के वजाय लोगों को सस्ते राशन से महरूम कर रहा है। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता विभाग की लेटलतीफी का असर प्रदेश की गरीब जनता की सेहत पर पड़ रहा है जिसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनावों में भुगतने को मिल सकता है।
साभार: एजेंसियां सोशल मीडिया नेटवर्क।