प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के अनुभव दूसरों के लिए प्रेरणा: राज्यपाल

Spread the love

कुल्लू:   पहाड़ी खेती, समाचार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शनिवार को कुल्लू जिला की शमशी पंचायत के सेरीबेहड़ का दौरा किया और प्राकृतिक खेती करने वाले क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों से बातचीत की।


इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के अनुभव दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को कम लागत के साथ-साथ अधिक आय अर्जित करने का लाभ प्राप्त रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की इस पद्धति को अपनाने के लिए अनुभवी किसानों को अन्य किसानों का मार्गदर्शन करना होगा ताकि अन्य लोग भी इस पद्धति को अपना सके। उन्होंने कहा कि किसान सही मायने में कर्मयोगी होते हैं।


राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है क्योंकि यह हमारी पारंपरिक कृषि पद्धति है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को देश का पहला प्राकृतिक खेती राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को पूरा करने के लिए सभी किसानों से सहयोग प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने शमशी क्षेत्र के किसानों के प्रयासों की सराहना की।


किसानों ने राज्यपाल के साथ अपने अनुभव साझा किए।
इससे उपरान्त, राज्यपाल ने फार्म क्षेत्र का भी दौरा किया और प्राकृतिक खेती के विभिन्न आदानों में गहरी रुचि दिखाई।
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के कार्यकारी निदेशक डाॅ. राजेश्वर चंदेल ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया और प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल को परियोजना के तहत किए जा रहेे विकास कार्यों से अवगत कराया।


उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने किसानों की पहल की सराहना की और उन्हें गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मदद करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

You may have missed