हिमाचल उपचुनाव: चारों सीटें हारने से मन्त्रियों का सियासी कद घटा, जुब्बल-कोटखाई में तो जमानत भी जब्त, 2022 में टिकट के भी पड़ सकते है लाले..!!, पढ़े विस्तार से..

शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार,
हिमाचल प्रदेश के जुब्बल-कोटखाई में जिस तरह से भाजपा की जमानत जब्त हुई है, उससे वरिष्ठ मंत्रियों तथा केन्द्रीय मंत्री तक का कद घटा है। वहीं उपचुनाव में मंत्री सुखराम चौधरी, महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद ठाकुर, राकेश पठानिया, बिक्रम सिंह, राजीव सैजल और केन्द्रीय मंत्री भी फेल हो गए।
भाजपा ने अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी और सह प्रभारी बनाकर प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए इन्हें जिम्मेवारी सौंपी थी, लेकिन मंत्री जीत दिलाने में नाकाम रहे। ऐसे में आने वाले समय में कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्री और विधायकों पर गाज भी गिरना तय माना जा रहा है तथा कैबिनेट में भी फेरबदल होने की सम्भावना है।
जुब्बल-कोटखाई प्रभारी शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। टिकट आवंटन से पहले सुरेश भारद्वाज दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिले थे। बाद में जब चेतन बरागटा का टिकट कटकर नीलम सरैईक की झोली में गया तो इसे इस मुलाकात से जोड़कर देखा गया। बाद में जिस तरह से चेतन बरागटा के पक्ष में माहौल बना, उससे भी भारद्वाज निशाने पर रहे। प्रचार के दौरान भारद्वाज की कई बार जुबान फिसली तो इससे भी भाजपा के खिलाफ मुद्दे बनते रहे।
अर्की विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी राजीव बिंदल के अलावा मंत्री राजीव सैजल और वीरेंद्र कंवर, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी बिक्रम सिंह, सह प्रभारी राकेश पठानिया और सरवीण चौधरी, मंडी संसदीय क्षेत्र में प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह, सह प्रभारी गोविंद ठाकुर, रामलाल मारकंडा सभी फेल हो गए।
महेंद्र सिंह भी चुनाव से पूर्व कई बयानों से भाजपा को बैकफुट पर लाते रहे, वहीं फतेहपुर में मंत्री के पीएसओ पर अधिकारी के साथ मारपीट का आरोप भी भारी पड़ा। मंडी संसदीय क्षेत्र के मनाली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को करारी हार मिली है, यहां से गोविंद ठाकुर मंत्री हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को 23032 वोट मिले है, जबकि भाजपा प्रत्याशी खुशाल सिंह को 21251 वोट मिले।
इसी तरह लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 7734 और भाजपा प्रत्याशी को 5587 वोट प्राप्त हुए हैं। अर्की विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को 30492 और भाजपा को 27217 वोट मिले। जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को 29955 और भाजपा प्रत्याशी को 2644 और निर्दलीय ने 23662 वोट मिले। इसी तरह फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को 24449 और भाजपा प्रत्याशी को 18660 वोट मिले है।
- बता दें कि जिस तरह सत्ता में होते हुए सरकार उपचुनाव में चार सीटें नही जीत पाई तो 2022 में भाजपा मिशन रिपीट का सपना कैसे पूरा करेगी, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
- हिमाचल उपचुनाव में भाजपा दो गुटों में नजर आई है। एक तरफ तो सीएम जयराम ठाकुर चारों सीटों पर रात दिन कड़ी मेहनत करते रहे, तो वहीं दूसरा गुट जिसमे कई भाजपा नेता सीएम बनने का सपना संजोए हुए है सरकार के भीतर रह कर उपचुनाव को कमजोर करते रहे ताकि हार का ठीकरा मुख्यमंत्री के सर फूटे और वो बाई-चांस मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकें।
- बीजेपी के ऐसे नेता जो प्रदेश में सरकार और पार्टी को कमज़ोर करने पर तुले हुए थे अगर भाजपा गहनता से हार का मंथन करे तो उन्हें 2022 के चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकेट के भी लाले पड़ सकते हैं।
इसके इलावा कांग्रेस ने भी देश – प्रदेश मे आसमान छू रही महंगाई के मुद्दे को लेकर खूब प्रचार किया और चारों उपचुनाव में जीत हाशिल की।
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