विनायकी चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश का व्रत और पूजन इस विधि से करें

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शिमला :  पहाड़ी खेती, समाचार,इस बार सोमवार (8 नवंबर) को चतुर्थी व्रत होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। सोमवार भगवान शिव का दिन है और चतुर्थी भगवान श्रीगणेश की तिथि। चतुर्थी तिथि पर सोमवार होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

इस दिन शिवजी के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा भी करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस दिन सुख-समृद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा के साथ ही अन्य उपाय भी करने चाहिए। ऐसा करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।

ये है गणेशजी की सरल पूजा विधि
– गणेश चतुर्थी पर स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान श्रीगणेश को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। पूजा का धागा अर्पित करें। चावल चढ़ाएं।
– गणेश मंत्र बोलते हुए दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांट दें। अगर संभव हो सके तो घर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं। दक्षिणा दें।
– गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन करना चाहिए, पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए। इस प्रकार पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

ये उपाय करें
1.
 विनायकी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को साबूत हल्दी की माला बनाकर चढ़ाएं। बाद में इस माला को अपनी तिजोरी में रखें। इससे सुख-समृद्धि का वास आपके घर में बना रहेगा।
2. भगवान शिव का अभिषेक स्वच्छ जल से करें। अभिषेक करते समय अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते हैं। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
3. अगर परिवार में किसी के विवाह में परेशानियां आ रही हैं तो भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं। इससे विवाह के योग बन सकते हैं।
4. विनायकी चतुर्थी पर दूर्वा पर हल्दी लगाकार भगवान श्रीगणेश को अर्पित करें।
5. भगवान श्रीगणेश को गुड़ और साबूत धनिए का भोग लगाने से भी आपकी परेशानियां कम हो सकती है।

साभार: Asianet news, सोशल मीडिया।

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