शिमला : पुलिस से सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए आतुर, वन विभाग से किया सहयोग का आग्रह, पढ़े पूरी खबर..

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शिमला :  पहाड़ी खेती, समाचार, राजधानी शिमला के लोगों को तेंदुए की दहशत से राहत नहीं मिल पा रही है। अभी तक तेंदुआ वन विभाग से लेकर विशेषज्ञों की टीम की पहुंच से बाहर है। देहरादून से आए विशेषज्ञों की टीम ने जंगल में अतिरिक्त कैमरे लगाने की बात कही है। वहीं वनविभाग और विशेषज्ञों की टीम की विफलता देखकर शिमला के सेवा निवृत्त एक पुलिस अधिकारी भी आदमखोर तेंदुए को मार गिराने के लिए आतुर है।

सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी पूरन चंद शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दावा किया है कि वह अपने लाईसैंस शुदा आग्नेयास्त्र द्वारा हाल ही में कनलोग तथा डाउनडेल शिमला के आदम खोर तेंदुए को जिसने बच्चों को अपना शिकार बना कर मार डाला और दहशत फैला रखी है को मार गिरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियो की टीम बना कर उस बहशी दरिंदे तेंदुए का क्षण भर में अंत कर सकते हैं बशर्ते अगर वन विभाग हमारे साथ रह कर सुनियोजित ढंग से हमारी आदमखोर तेंदुए को पहचानें में मदद करें। 

सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी का संक्षिप्त परिचय –

सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी का नाम -पूरन चंद शर्मा है। पूरन चंद धामी हलोग, जिला शिमला हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी है। वह पुलिस विभाग से बतौर पुलिस अधिकारी 2004 से सेवा निवृत्त हो चुके है । वर्तमान पूरन चंद शर्मा अंजुमन पैलेस, नियर चिटकारा पार्क, कैथू शिमला में रह रहे है तथा सोशल वर्कर, इंटरनेशनल हयुमन राइट्स फैडरेशन में नेशनल चीफ डायरेक्टर, ए`टि करप्शन फाउंडेशन आफ इंडिया में नेशनल को -आर्डिनेटर है। 

हफ़्तों बाद भी आदमखोर तेंदुए को पकड़ने में नाकाम वन विभाग:

बता दें कि डाउनडेल में 14 दिन पहले तेंदुए ने बच्चे को अपना शिकार बना लिया था। हैरानी की बात है कि अभी तक तेंदुआ विभाग की पकड़ में नहीं आ रहा है। एक मादा तेंदुआ तीन बच्चों सहित एक कैमरे में दो बार देखी गई है। एक अन्य तेंदुआ भी दिख रहा है। अब विभाग से लेकर विशेषज्ञ परेशानी में हैं कि इनमें से हमलावर कौन-सा तेंदुआ होगा। वन विभाग और बाहर से आई विशेषज्ञों की टीम की लेटलतीफी के चलते 14 दिन बाद भी शिमला के लोग अभी भी आदमखोर तेंदुए की दहशत के साये में है। 

लोगों का कहना है कि एक तेंदुए ने वन महकमे की भी नींद उड़ाई हुई है। 14 दिन बीत जाने के बाद भी सफलता न मिलना कई सवाल खड़े कर रही है।

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