भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, शिमला के बागवानी फार्म ढांड़ा पर “मेरा गांव मेरा गौरव” के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित…..
शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 19, जनवरी ) भा.कृ.अ.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, अमरतारा कॉटेज, शिमला के बागवानी फार्म ढांड़ा पर आज “मेरा गांव मेरा गौरव” के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण शिविर के अंतर्गत शीतोष्ण फलों के पौधों की नर्सरी तैयारी एवं लगाने के लिये वैज्ञानिक तथा तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।इस प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि घनश्याम चंद, सचिव परिवहन विभाग, हिमाचल प्रदेश एवं विशिष्ठ अतिथियों भूपेंद्र सिंह कंवर विकासशील किसान एवं श्रीमती मीरा ठाकुर, पूर्व प्रधान, चायली पंचायत द्दारा केंद्र के अध्यक्ष, डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक तथा डॉ. अरूण कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक की मौजूदगी में किया गया ।
केंद्र के अध्यक्ष, डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि एवं किसानों/बागवानों को इस प्रशिक्षण शिविर में पधारने के लिये स्वागत किया तथा इस ऋतु में लगने वाले शीतोष्ण फलों के पौधों की नर्सरी तैयार करने तथा पौधों को लगाने की विधि,उनकी कांट-छांट की जानकारी किसानों/बागवानों को दी ।
उन्होंने इस प्रशिक्षण से सबको लाभ उठाने की मांग की । डॉ. अरूण कुमार शुक्ला ने क्यारियां बनाने की विधि, खाद प्रयोग करने की विधि तथा पौधों की ट्रेनिंग की विधी के बारे में किसानों/बागवानों को जानकारी दी ।
मुख्य अतिथि घनश्याम चंद ने केंद्र पर किये जा रहे शोध कार्यों की प्रंशसा की तथा हिमाचल के किसानों तथा बागवानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से विकसित तकनीकों को अपनाकर लाभ उठाने की बात कही । विशिष्ठ अतिथि भूपेंद्र सिंह ने इस केंद्र से जुडने के बाद अपने अनुभवों के बारे में बताया तथा श्रीमती मीरा ठाकुर ने बागवानों को संस्थान से जुडने एवं उससे लाभ उठाने का आवहन किया ।
प्रशिक्षण शिविर में किसान एवं बागवान भाईयों/बहिनों ने प्रश्नोंत्तरी काल के दौरान बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा अपने अनुभवों के बारे में जानकारी दी तथा इस केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रश्नों/समस्याओं के समाधान के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण के बाद इस केंद्र पर तैयार किये गये सेब, कीवी, अनार, अखरोट, जापानी फल तथा स्टोन फ्रूट के पौधों का वितरण बिक्री के माध्यम से किया । इस मौके पर अलग अलग गावों से लगभग 85 पुरूष तथा 15 महिला किसानों ने कोविड़ प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुये भाग लिया।
इस कार्यक्रम का संचालन तथा समन्वय डॉ. अरूण कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक ने किया । अंत में केंद्र के अध्यक्ष डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने इस सफल प्रोग्राम को आयोजित करने हेतु सहयोग के लिये इस संस्थान के निदेशक, डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं संयुक्त निदेशक(प्रसार), डॉ. भूपेंद्र सिंह तोमर तथा समस्त स्टाफ का धन्यावाद किया।