2022-23 के बजट में पर्यटन मंत्रालय को 2400 करोड़ रुपये आवंटित : 2021-22 में आवंटित बजट की तुलना में 18.42 प्रतिशत अधिक …..

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नई दिल्ली: पहाड़ी खेती, समाचार ( 02, फरवरी )वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पर्यटन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के लिए निधि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में 2400.00 करोड़ रुपये का आवंटन निर्धारित किया है।

यह आवंटन वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट आवंटन से 18.42 प्रतिशत अधिक है। 2013-14 के बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए निधि का आवंटन केवल 1357.30 करोड़ रुपये था। चालू वित्तीय वर्ष का आवंटन 2013-14 के आवंटन से 76.82 प्रतिशत अधिक है।

बजट के बारे में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत का बजट’ के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभारी हूं। भारत आजादी का अमृत महोत्सव के साथ आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है। हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं और यह बजट भारत के 100 साल का खाका पेश करता है। विकास एवं विरासत साथ-साथ चलते हैं और यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों के लिए इस वर्ष का बजटीय आवंटन काफी अधिक रहा है।

रेड्डी ने आगे कहा कि 2022-2023 के लिए पर्यटन मंत्रालय में बजटीय आवंटन 2400.00 करोड़ रुपये है जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट आवंटन से 18.42 प्रतिशत अधिक है और 2013-14 के आवंटन से 76.82 प्रतिशत ज्यादा है।

2400.00 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट आवंटन में से 1644 करोड़ रुपये के परिव्यय का बड़ा हिस्सा पर्यटन विकास संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निर्धारित किया गया है और 421.50 करोड़ रुपये प्रचार और प्रसार गतिविधियों के लिए है।

प्रमुख पर्यटन अवसंरचना योजनाओं के लिए दिए गए बजट आवंटन में से मंत्रालय की प्रमुख योजना स्वदेश दर्शन योजना के लिए 1181.30 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है और अन्य 235.00 करोड़ रुपये प्रसाद  (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक व विरासत संवर्धन अभियान) योजना के लिए रखे गए हैं। प्रतिष्ठित स्थलों के विकास को लेकर 130 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। शेष आवंटन का उपयोग अन्य योजनाओं जैसे सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना, सूचना प्रौद्योगिकी आदि और मंत्रालय व उसके अधीनस्थ कार्यालय, देश व विदेश में भारत पर्यटन कार्यालयों की स्थापना व्यय को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के लिए 227.00 करोड़ रुपये का आवंटन निर्धारित किया है। जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जनजातीय उप योजना के तहत 98.00 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कोविड प्रभावित पर्यटन सेवा क्षेत्र के लिए ऋण गारंटी (एलजीएससीएटीएसएस) योजना नामक एक नई परियोजना शुरू की गई है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित यात्रा और पर्यटन हितधारकों (टूर ऑपरेटर/ट्रैवल एजेंट/पर्यटक परिवहन ऑपरेटर) प्रत्येक के लिए 10.00 लाख रुपये तक की गारंटी मुक्त ऋण और एमओटी द्वारा अनुमोदित आरएलजी/आईआईटीजी प्रत्येक को 1.00 लाख रुपये तक व राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा अनुमोदित पर्यटक गाइड को योजना के तहत कवर किया गया है।

योजना को एनसीजीटीसी के माध्यम से क्रियान्वित किया जाना है। लगभग दस अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने योजना शुरू की है और एलजीएससीएटीएसएस के कुछ लाभार्थियों को चेक/स्वीकृति पत्र वितरित किए गए हैं। इस उद्देश्य को लेकर 2022-23 के लिए मंत्रालय के बजट में 12.50 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत पांच वर्षों के लिए प्रस्तावित कुल आवंटन 62.5 करोड़ रुपये है।

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