अटल टनल रोहतांग: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज, किसी अजूबे से कम नहीं है ये ‘महा टनल’ – पढ़े पूरी खबर….

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दुनिया की सबसे लंबी ‘अटल टनल’ किसी अजूबे से कम नहीं है। समुद्र तट से 10 हजार 40 फीट की ऊंचाई पर बने इस टनल में वो सारी खूबियां मौजूद हैं जो आज और आने वाले समय के लिए जरूरी हैं। टनल में हर आधे किलोमीटर पर जहां इमरजेंसी टनल बनाई गई है वहीं सुरक्षा के लिहाज से दोनों ओर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इसके अलावा हर 150 मीटर पर 4जी फोन की सुविधा तो हर 60 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 10, फरवरी ) अत्याधुनिक तकनीक से तैयार भारत की सबसे महत्वपूर्ण सामरिक महत्व की अटल टनल रोहतांग का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। समुद्र तल से 10044 फीट की ऊंचाई पर गुजरने वाली अटल टनल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने आधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे लंबी यातायात टनल होने पर यह तगमा दिया।

इस टनल की लंबाई 9.02 किलोमीटर है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने पुरस्कार प्राप्त किया। इसे हिमालय की पीरपंजाल की चोटियों को भेदकर करीब 10 साल की अवधि में सीमा सड़क संगठन ने बनाया है। भारतीय और ऑस्ट्रिया कंपनी स्ट्रॉबेग और एफकॉन ने भी टनल निर्माण में सहयोग किया।

टनल निर्माण की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में की थी। उस दौरान टनल की लागत करीब 1500 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन टनल के निर्माण पर 3600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

अटल टनल बनने के बाद मनाली से चीन सीमा से सटे लेह की दूरी करीब 45 किमी घट गई। वहीं इस रूट का सफर कम से कम पांच घंटे कम हो गया है। इसके साथ सर्दी के मौसम में बर्फबारी से बंद होने वाला जनजातीय क्षेत्र लाहौल 12 महीने देश दुनिया से जुड़ गया है। तीन अक्तूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन किया था। इसके बाद से अटल टनल देशभर के पर्यटकों के लिए पहली पसंद बनी है।

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