हिमाचल: ‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’ के तहत् 17 छात्रों को जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण में किया जा रहा प्रशिक्षित…..

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शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 28, मार्च ) हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे), शिमला में एचपी एनविस हब ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है।

माननीय प्रधान मंत्री के कौशल भारत मिशन के अनुरूप, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी) ने एनविस हब / आरपी के विशाल नेटवर्क और विशेषज्ञता का उपयोग करके पर्यावरण और वन में कौशल विकास के लिए एक पहल की है।

“हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण पर सर्टिफिकेट कोर्स”

भारत के युवाओं को लाभकारी रोजगार और स्वरोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए इसे हरित कौशल विकास कार्यक्रम (जीएसडीपी) कहा जाता है। मंत्रालय ने भारत के युवाओं को लाभकारी रोजगार / स्वरोजगार प्रदान करने के लिए पर्यावरण और वन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए यह पहल की है, जिसे हरित कौशल विकास कार्यक्रम (जीएसडीपी) कहा जाता है।

हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण पर सर्टिफिकेट कोर्स के छात्र-छात्राएं

इस कार्यक्रम के तहत 17 छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आज छात्रों को प्रशिक्षण के लिए सीएसआईआर आईएचबीटी पालमपुर ले जाया गया है। प्रशिक्षणार्थी “हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण पर सर्टिफिकेट कोर्स” में भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के उपरान्त छात्र इस दिशा में अपने लिए रोजगार के अवसर तालाश पाएंगे।

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