जनता में बुल्डोजर का बैठा खौफ, खुद अवैध कब्जे तोड़ते दिखे लोग…..

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अहमदाबाद : पहाड़ी खेती, समाचार ( 26, अप्रैल ) सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशभर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर बैन लगाने से इनकार के बाद ‘बुल्डोजर’ की स्पीड बढ़ गई है। दिल्ली में शाहीन बाग आदि में अतिक्रमण हटाने की तैयारियों के बीच गुजरात में साबरकांठा के हिम्मतनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में रामनवमीं(Ram Navami) और हनुमान जयंती पर पथराव करने वालों के अवैध घरों-दुकानों पर बुल्डोजर की कार्रवाई जारी है। सोमवार को हिम्मतनगर इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों को नोटिस दिए गए थे। इससे पहले कि कार्रवाई के लिए बुल्डोजर पहुंचता, अतिक्रमणकारी खुद ही अपने-अपने घर तोड़ने लगे। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा की न्यायिक जांच को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “उस राहत के लिए मत पूछो जो इस अदालत द्वारा नहीं दी जा सकती।”

रामनवमीं पर जिस घर से किया था पथराव, उसे ढहा दिया गया
मंगलवार को साबरकांठा में उस घर पर बुल्डोजर चला दिया गया, जिससे रामनवमी के अवसर पर पथराव किया गया था। गुजरात के खंभात और साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रामनवमी के जुलूस पर पथराव हुआ था। इन सांप्रदायिक झड़पों को नियंत्रित करने के पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हिम्मतनगर में हुई हिंसा के मामले में करीब 20 लोगों को अरेस्ट किया गया था। हिंसा के बाद कई परिवार घर छोड़कर चले गए थे। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नवनीत पटेल ने ANI से कहा, “नगर पालिका द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुल्डोज़र चलाया गया है। इलाके में पुलिस की भारी तैनाती की गई है।” हिम्मतनगर शहर के छपरिया इलाके में 10 अप्रैल की दोपहर बाद रामनवमी के जुलूस पर इन्हीं घरों से पत्थर फेंके गए थे। हिंसा के बाद राज्य के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने इलाके का दौरा करके आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।

दिल्ली के शाहीन बाग से भी हटेगा अतिक्रमण
दिल्ली के कई इलाकों में अवैध अतिक्रमण पर बुल्डोजर चलाने की तैयारी है। हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) के बाद वहां अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बीच अब शाहीन बाग सहित कई इलाकों में अतिक्रमण हटाने तैयारी की जा चुकी है। शाहीन बाग नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(National Register of Citizens-NRC) के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था।

साभार: Asianet news हिंदी, ANI, ट्वीटर,सोशल मीडिया नेटवर्क।

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