Ola और Uber जैसी एप आधारित टैक्सी कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, बुकिंग रद्द करने और किराया तय करने का पूछा जाएगा आधार….

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नई दिल्ली : पहाड़ी खेती, समाचार ( 09, मई )  टैक्सी सुविधा मुहैया कराने वाली राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ग्राहकों के साथ किए जाने वाले मनमान व्‍यवहार पर लगाम लग सकती है। ओला और उबर जैसी बड़ी टैक्सी संचालन करने वाली कंपनियों की गलत हरकतों पर पाबंदी लगाने और उनके नियमों की वैधता जांचने का प्रविधान किया जाएगा।

इन कंपनियों की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उन्हें तलब किया है। ओला और उबर जैसी बड़ी टैक्सी संचालन करने वाली कंपनियों की गलत हरकतों पर पाबंदी लगाने और उनके नियमों की वैधता जांचने का प्रविधान किया जाएगा।

राइड कैंसिल करने की नीति के बारे में मांगी जाएगी जानकारी

मंगलवार को बुलाई बैठक में सभी एप आधारित टैक्सी संचालक कंपनियों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।बैठक में किराया तय करने और राइड कैंसिल करने की नीति के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। सीसीपीए के कमिश्नर अनुपम मिश्र ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के बारे में बताया कि एक ही समय और एक ही गंतव्य के लिए टैक्सी बुक करने वाले अलग-अलग उपभोक्ताओं को अलग-अलग किराया दिखाई देता है।

बुकिंग रद्द करने को लेकर आई ढेरों शिकायतें

एडवांस बुकिंग के बावजूद एन वक्त पर टैक्सी की बुकिंग रद्द करने को लेकर ढेरों शिकायतें आई हैं। टैक्सी बुकिंग के बावजूद निर्धारित ड्राइवर के नहीं आने पर दूसरी टैक्सी लेने वाले उपभोक्ताओं पर पेनाल्टी लगा दी जाती है। इससे एक ओर तो उपभोक्ता अपने निर्धारित गतंव्य पर समय से पहुंचने में असफल होता है, वहीं दूसरी तरफ टैक्सी संचालन करने वाली कंपनी की तरफ से पेनाल्टी लगाना और भी कष्टप्रद साबित होता है।

ड्राइवरों की ओर से रद्द कराई जाती है ज्यादातर बुकिंग

बताया जाता है कि इस तरह की मनमानी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। सीसीपीए कमिश्नर ने बताया कि शिकायतों में पाया गया है कि ज्यादातर बुकिंग ड्राइवरों की ओर से रद्द कराई जाती है जबकि कंपनियां इन बातों को लेकर उपभोक्ता पर जुर्माना लगाती हैं। सूत्रों की मानें तो कंपनियों की इन्‍हीं गलत हरकतों पर पाबंदी लगाने और उनके नियमों की वैधता जांचने का प्रविधान किया जाएगा।

साभार: एजेंसियां, जागरण, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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