कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति के 7 ठिकानों पर CBI की रेड, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में तलाशी….

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नई दिल्ली : पहाड़ी खेती, समाचार ( 17, मई ) केंद्रीय जांच ब्यूरो ने वर्तमान में चल रहे एक मामले के संबंध में कांग्रेस नेता पी चिदंबरन के बेटे कार्ति चिदंबरम के कई ठिकानों (निवास और कार्यालय) पर छापेमारी की है।

उनके कार्यालय ने इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई को दी है। जानकारी के मुताबिक, उनके चेन्नई, दिल्ली और मुंबई समेत नौ ठिकानों पर तलाश ली जा रही है।कार्ति चिंदबरम तमिलनाडु के शिवगंगा से कांग्रेस के सांसद हैं। उनके खिलाफ जो केस चल रहा है, उसी मामले में सीबीआई ने ये कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी ने 2010-2014 के बीच कथित विदेशी फंड को लेकर कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया है।

कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है।इनमें से एक मामला फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से भी जुड़ा है। वह एफआईपीबी द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने की मंजूरी दिलाए जाने से जुड़े आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि सीबीआई ने मंगलवार सुबह छापेमारी शुरू की है, जो चेन्नई के 3, मुंबई के 3, कर्नाटक के 1, पंजाब के 1 और ओडिशा के 1 ठिकाने पर हो रही है। वहीं रिपोर्ट में सीबीआई सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि कार्ति ने कथित तौर पर साबू नाम के एक व्यक्ति से 50 लाख रुपये लिए थे।

चिदंबरम के ठिकानों पर छापेमारी

पहले भी ठिकानों पर पड़ी रेड

ऐसा पहली बार नहीं है, जब इनके ठिकानों पर छापेमारी हो रही है। इससे पहले 2019 में भी सीबीआई ने विदेशी फंड लेने के लिए फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी से जुड़े मामले में कार्ति चिदंबरम के 16 ठिकानों पर तलाशी ली गई थी। ये कार्रवाई सीबीआई की तरफ से की गई थी। कार्ति ने सीबीआई की कार्रवाई को लेकर अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘मैं गिनती भूल गया हूं, ये कितनी बार हुआ है? एक रिकॉर्ड होना चाहिए।’

आईएनएक्स मीडिया केस क्या है?

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ साल 2017 की 15 मई को एक एफआईआर दर्ज की थी। इस मीडिया ग्रुप पर आरोप है कि इसने 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड लेने के लिए फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कई तरह अनियमितताएं की हैं। ऐसी जानकारी है कि साल 2007 में कंपनी को जब निवेश की मंजूरी दी गई थी, तब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

साभार: एजेंसियां,TV 9 भारतवर्ष,ANI, ट्वीटर, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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