स्पष्ट विदेश नीति: किसी भी देश के खेमे में शामिल नहीं होगा भारत–एस जयशंकर

नई दिल्ली : पहाड़ी खेती, समाचार ( 03, जून ) रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच जिस तरह से अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ा है उसे देखते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
भारतीय विदेश मंत्री ने साफ किया है कि भारत, अमेरिका या चीन के नेतृत्व वाले किसी भी खेमे में शामिल नहीं होगा।उन्होंने कहा कि भारत को किसके साथ जाना है इसका फैसला वो लेने में सक्षम है। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में विदेश नीति में बड़ा बदलाव आया है।
GLOBESEC में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया था कि जंग के इस माहौल में भारत अमेरिका का साथ देगा या फिर चीन के साथ खड़ा होगा। जयशंकर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के ऊपर कुछ भी थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा किसी भी देश के लिए ये जरूरी नहीं है कि वह किसी खेमे में शामिल ही हो।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हमें किसी भी दायरे में सीमित रह कर फैसला लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। भारत अपने रुख को पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुका है। दुनिया के सामने इस समय आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी तमाम चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों पर आप अगर भारत से कोई भी सवाल करेंगे तो उसका उत्तर जरूर मिलेगा।
एस जयशंकर ने कहा यूरोप के देशों को लगता है कि उनकी जो समस्याएं हैं वहीं दुनिया की समस्या है। यूरोप के देशों को इस तरह की मानसिकता से बाहर निकलने के जरूरत है। भारत पिछले कई महीनों से चीन के साथ अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है लेकिन रूस और यूक्रेन में जो हो रहा है उस पर कोई जवाब नहीं देना चाहता है।
भारत में भी खाद्य संकट की स्थिति बन सकती थी
भारत द्वारा गेहूं के कमर्शियल निर्यात पर पाबंदी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हम बहुत से कम आय वाले देशों को गेहूं का निर्यात करते रहे हैं लेकिन हमने देखा कि हमारे गेहूं का व्यापार के लिए स्टॉक किया जा रहा था। भारत में भी खाद्य संकट की स्थिति बन सकती थी। इसलिए हमने भारत से गेहूं के निर्यात की खुली पहुंच पर पाबंदी लगाई। हम अभी भी जरूरमंद देशों की मदद कर रहे हैं। हमने इस साल भी लगभग 23 देशों को गेहूं निर्यात किया है।
साभार: एजेंसियां, TV 9 भारतवर्ष,ANI, ट्वीटर, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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