रद्द हुआ शिमला नगर निगम का डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर, अब तय समय पर नही होंगे MC चुनाव, लगेगा एडमिस्ट्रेटर शासन, पढ़े पूरी खबर..

IMG_20220603_142100
Spread the love

नगर निगम शिमला के पुनःसीमांकन में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिका पर हिमाचल हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। नाभा की पार्षद सिमी नंदा के द्वारा कोर्ट में दायर याचिका के बाद कोर्ट ने समरहिल व नाभा वार्ड का सीमांकन दोबारा करने के आदेश जारी किए हैं। कांग्रेस ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है, विस्तार से..

शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 03, जून )हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम (MC) चुनाव से पहले सरकार द्वारा करवाए गए डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया है। कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा ने डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने प्रार्थी के आरोप को सही पाया है।

हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम (MC) चुनाव से पहले सरकार द्वारा करवाए गए डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया है। कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा ने डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने प्रार्थी के आरोप को सही पाया है।

दरअसल जयराम सरकार द्वारा शिमला नगर निगम में सात नए वार्ड बनाने के बाद इनकी संख्या 34 से बढ़कर 41 हो गई थी। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि डिलिमिटेशन को सही प्रोसेस नहीं अपनाया गया। उनकी अपील तक लंबे समय तक अदालत में सुनवाई चली। 13 मई को अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व रख लिया था।

आज अदालत ने अपना फैसला सुना लिया है। इसके मुताबिक प्रशासन द्वारा किया गया डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर दोनों को रद्द किया गया है। लिहाजा अब यह सारी प्रक्रिया दोबारा से करनी होगी। यदि सरकार नए वार्डों का गठन करना चाहेगी तो वार्डों के डिलिमिटेशन के पूरी प्रक्रिया दोबारा से करनी होगी।

जाहिर है कि इसके बाद तय समय पर शिमला MC के चुनाव होते नहीं दिख रहे है। शिमला MC के मौजूदा पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल 18 जून को पूरा हो रहा है। अब तक मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग तय समय पर चुनाव नहीं करवा सका। अदालत के आज के आदेश आने के बाद अब चुनाव लंबे समय तक लटकने की संभावनाएं बढ़ गई है।

यदि राज्य सरकार दोबारा से डिलिमिटेशन करती है तो इसके लिए कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा। इसी तरह वोट बनाने के लिए भी एक माह और चुनाव प्रोसेस के लिए कम से कम 15 दिन का वक्त लगेगा। यानी 15 अगस्त से पहले तक चुनाव संभव नहीं दिख रहे है। इसी साल अक्तूबर नवम्बर में विधानसभा चुनाव भी होने है। ऐसे में अब यह कयास लगाए जा रहे है कि शिमला MC के चुनाव विधानसभा के साथ करवाए जाए।

विक्रमादित्य ने किया हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत:

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वार्डो का पुनर्सीमांकन सही ढंग से नही हुआ था। भाजपा समर्थित जो वार्ड हैं उन्हें बढ़ाया गया था। हाइकोर्ट के फैसले का कांग्रेस स्वागत करती हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह सब मंत्री सुरेश भारद्वाज के इशारे पर हुआ। उनकी राजनीतिक विकेट गिरने वाली है जिसके लिए अधिकारियों के साथ मिलकर गलत सीमांकन किया गया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो अधिकारी राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं कांग्रेस की सरकार बनने पर उन पर कार्यवाही की जाएगी।

शिमला में लगेगा एडमिस्ट्रेटर शासन

चुनाव समय पर नहीं होने पर शिमला में एडमिस्ट्रेटर शासन का लगना तय है। यानी सरकार MC आयुक्त को शक्तियां दे देंगी और जब तक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक शहर के विकास से जुड़े फैसले एडमिस्ट्रेटर को लेने होंगे।

About The Author

You may have missed