विशेष उपलब्धि: पायलट के बिना उड़ाया ‘फाइटर एयरक्राफ्ट’, DRDO का बड़ा कारनामा, पहली फ्लाइट ने भरी सफलतापूर्वक उड़ान….

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चित्रदुर्ग/कर्नाटक: पहाड़ी खेती, समाचार( 01, जुलाई ) डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (Defence Research and Development Organisation) को अत्याधुनिक मानवरहित विमान के विकास में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। डीआरडीओ ( DRDO ) ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर ( Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator ) की पहली फ्लाइट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

इस फ्लाइट की खासियत यह है कि ये बिना पायलट के उड़ान भर सकती है। इतना ही नहीं, ये टेकऑफ से लेकर लैंडिंग तक का सारा काम भी बिना किसी मदद के खुद ही हैंडल कर सकती है।

डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस एक्सरसाइज़ को शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग (Chitradurga) स्थित एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में अंजाम दिया गया। मानव रहित हवाई वाहन यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर’ कहा जाता है। विमान के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘विमान पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में ऑपरेट हुई। एयरक्राफ्ट ने एक सफलतापूर्वक उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेकऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक स्मूथ टचडाउन शामिल है। ये एयरक्राफ्ट आगामी बिना पायलट के चलने वाली विमानों के डेवलपमेंट की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम भी है।

एयरक्राफ्ट ने खुद भरी उड़ान

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, DRDO ने बयान में कहा कि एयरक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस एयरक्राफ्ट ने खुद इस एक्सरसाइज़ को अंजाम दिया। यह विमान इस तरह की सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाया गया एक जरूरी कदम है। इस एयरक्राफ्ट को बेंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (Aeronautical Development Establishment) ने डिजाइन और विकसित किया है। ADE डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लेबोरेटरी है।

साभार: एजेंसियां,TV 9भारतवर्ष, ANI,ट्वीटर, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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