जाइका द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों को 17 हज़ार औषधीय पौधे वितरित किये गए…..

रोहड़ू : पहाड़ी खेती, समाचार( 08, अगस्त )जाइका वानिकी परियोजना हिमाचल प्रदेश के वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन में सुधार व किसानों की आजीविका वृद्धि हेतु निरंतर प्रयासरत है।
इसी कड़ी में जाइका वानिकी परियोजना व आर.सी. एफ.सी. , एन.एम.पी.बी. जोगिंद्रनगर के सयुंक्त तत्वधान में रोहड़ू वनमण्डल के मांदल वन विश्राम गृह में एक लाख 30 हज़ार गुणवत्ता औषधीय पौध का वितरण स्थानीय किसानों व स्वयं सहायता समूहों में किया गया । जिसमें जाइका द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों को 17 हज़ार पौधे वितरित किये गए।

बताते चलें कि यहां पर वितरित किये गये पौधों को हेमवंती नंदन बहुगणा के रिसर्च सेण्टर में आर. सी. एफ.सी.एन. आर. आई. के द्वारा तैयार करवाया गया गया था। इसके अतिरिक्त आर. सी. एफ.सी.एन. आर. टी. द्वारा रोहड़ू में स्थानीय सोसाइटी त्रिदेव औषधीय उत्पादन सोसाइटी में भी नर्सरी लगाई गई थी और यह पौधे भी स्थानीय किसानों व स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराये गए।
इसके साथ ही इन पौधों के लिए कृषि संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया । इस कार्यक्रम में किसानों को गुणवत्ता युक्त औषधीय पौध जैसे कुटकी ,जटामानसी, सत्वा, कुठ, एवं अतीस इत्यादि का वितरण किया गया। इस अवसर पर उक्त संस्थानों के कई वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी व स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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