जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत वनमण्डल ठियोग के कर्मचारियों और वार्ड फैसिलिटेटरों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण/कार्यशाला आयोजित…..

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शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार( 21, नवम्बर ) जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत वनमण्डल ठियोग के कर्मचारियों और वार्ड फैसिलिटेटरों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण/कार्यशाला का आयोजन आज वनवृत स्तरीय नर्सरी सैंज में किया गया।कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने की।

इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ₹800 करोड़ की परियोजना राज्य के 7 जिलों में 460 वीएफडीएस/बीएमसी उप समितियों के माध्यम से प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 72 विभागीय नर्सरियों का उन्नयन किया गया है जिससे विभिन्न प्रजातियों के गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन करने में मदद मिली है और विभागीय और सहभागी वन प्रबंधन मोड के तहत 4600 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया गया है।

उन्होंने कहा कि कॉमन इंट्रेस्ट ग्रुप और स्वयं सहायता समूहों को जैव विविधता सुधार कार्यक्रम के तहत औषधीय प्रजातियों के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य में 600 से अधिक स्वयं सहायता समूहों/सीआईजी का गठन किया गया है, जिनमें से 500 से अधिक समूह शुद्ध महिला समूह हैं।

उन्होंने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका में सुधार के लिए जाइका परियोजना द्वारा प्रदान की गई आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए परियोजना में होने वाले कार्यों की गति को बनाए रखने के लिए कर्मचारियों और वार्ड सहायकों से आह्वान किया।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक राजेश शर्मा , डॉ ओमपाल शर्मा ( हिमाचल वन सेवा , सेवानिवृत ) , एसएमएस रीना शर्मा , अभय महाजन इत्यादि उपस्थित रहे।

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