हिमाचल: मंत्रियों से पहले अब सीपीएस के पास आएंगी सभी फाइलें, सीएम सुक्खू ने बढ़ाईं शक्तियां…..

सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य संसदीय सचिवों की शक्तियों और कार्यों को लेकर मंगलवार को सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए।
शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 18, जनवरी )मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की शक्तियां बढ़ा दी हैं। विभागों की ओर से भेजे जाने वाले प्रस्ताव और फाइलें संबंधित मंत्रियों से पहले अब सीपीएस के पास जाएंगी। सीपीएस को प्रस्ताव या फाइल पर अपना मत दर्ज करवाने का अधिकार होगा। हालांकि, अंतिम फैसला संबंधित मंत्री का ही होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सुक्खू सरकार में नियुक्त छह सीपीएस की शक्तियों और कार्यों को लेकर मंगलवार को सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सीपीएस के पास किसी भी प्रस्ताव या फाइल को मंजूरी देने का अधिकार नहीं होगा। सीपीएस सिर्फ अपना मत दर्ज करवा सकेंगे। सभी प्रशासनिक सचिवों को प्रस्ताव और फाइलों को संबंधित मंत्रियों को भेजने से पहले उनके साथ अटैच किए गए सीपीएस को भेजना अनिवार्य किया गया है।
हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिवों के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने व इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। इस नई व्यवस्था से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की मुख्य संसदीय सचिवों के माध्यम से परिवहन, लोकनिर्माण और स्वास्थ्य विभाग पर भी नजर रहेगी। मुख्य संसदीय सचिवों की जवाबदेही भी तय होगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को सूचना एवं जन संपर्क विभाग के लिए अपने साथ अटैच किया है। लोक निर्माण विभाग के लिए मंत्री विक्रमादित्य सिंह और स्वास्थ्य विभाग के लिए मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के साथ अटैच किया गया है। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को परिवहन विभाग में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ और ऊर्जा, वन और पर्यटन विभाग के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ अटैच किया गया है।
साभार: एजेंसियां, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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