हैप्पी बर्थडे: वीरभद्र सिंह; CM जयराम ठाकुर ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को दी जन्मदिन की बधाई, जानिए, वीरभद्र सिंह के 87 सालों का सफर, विस्तार से ….

शिमलाः (पहाड़ी खेती, समाचार)
हिमाचल प्रदेश के छह बार के CM रहे वीरभद्र सिंह का आज जन्मदिन है। वह आज अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। 23 जून 1934 को जन्में वीरभद्र सिंह शिमला स्थित अपने निवास होली लॉज में पहली बार कोरोना महामारी के चलते बिना समर्थकों के जन्मदिन मनाएंगे। कोरोना महामारी के दृष्टिगत उन्होंने अपने चाहने वालो को उनके निवास होल्ली लॉज में आने से मना किया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर प्रतिवर्ष सुबह से उनके निवास स्थान पर जश्न का माहौल हुआ करता था लेकिन इस बार कोरोना के चलते सन्नाटा छाया हुआ है। बता दें कि हिमाचल की राजनीति में वीरभद्र सिंह का नाम अग्रिम पंक्ति में लिया जाता है। सूबे की सियासत की बात हो और वीरभद्र सिंह का नाम न आए, ऐसा संभव ही नहीं है।
CM जयराम ठाकुर ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को दी जन्मदिन की बधाई –

पूर्व CM वीरभद्र सिंह से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आज भी लोग नहीं जानते हैं। आइए हम बताते हैं नेहरू की बात मानने से लेकर छह बार सीएम बनने तक की पूरी कहानी-

वीरभद्र सिंह के नाम हिमाचल में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है। वह 1983 से 1990, 1993 से 1998 और 2003 से 2007 तक सीएम पद पर रहे। अब 2012 में उन्होंने रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल के सीएम की शपथ ली थी। वीरभद्र सिंह हिमाचल के सबसे लोकप्रिय नेता भी है। मगर राजनीति का ये सफर उनके लिए इतना आसान नहीं था।
महज 28 साल की उम्र में ही वीरभद्र सिंह ने लोकसभा का चुनाव जीत लिया था। कहते हैं पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में तीसरी लोकसभा चुनाव के लिए खुद वीरभद्र सिंह को चुनाव लड़ने के लिए कहा था। वीरभद्र ने उनकी बात मान ली। पहले ही चुनाव में वे विजयी हुए थे। वीरभद्र सिंह का डंका ऐसे बजा कि वे अगले दो लोकसभा चुनाव भी आसानी से जीत गए।
1962 से लेकर अब तक वीरभद्र सिंह लोकसभा में पांच बार चुने जा चुके हैँ। वह 1962, 1967, 1972, 1980 और 2009 में लोकसभा में हिमाचल का नेतृत्व कर चुके हैं। यूपीए सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी बने थे।
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को शिमला के सराहन में हुआ था। पिता पदम सिंह राजा थे। वीरभद्र सिंह ने शिमला के जाने माने बिशप कॉटन स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की और इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद से वे राजनीति में जुड़ गए।
वीरभद्र सिंह बुशहर रियासत के राजा और एक सफल राजनेता ही नहीं बल्कि हिमाचल की जनता के दिलों पर राज करने वाले मुख्यमंत्री माने जाते है। इसके अलावा कई कल्चरल संस्थाओं में भी सीएम का अहम योगदान रहा है। बच्चों से उनका लगाव किसी से छिपा नहीं है। इसीलिए वे जब भी सीएम बने ज्यादातर समय शिक्षा विभाग उनके पास ही रहा।

वे चार बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2003 तक वे विपक्ष के नेता भी रहे। नवंबर 1985 में उन्होंने रानी प्रतिभा सिंह से शादी की। उनके एक बेटा और चार बेटियां हैं। हिमाचल की राजनीति और कांग्रेस को इस राज्य में स्थापित करने में सीएम वीरभद्र सिंह का अहम योगदान रहा। यही कारण है कि भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगने के बावजूद प्रदेश की जनता का भरोसा उन पर कायम है।
उनके कार्यकाल के दौरान हिमाचल ने शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुलंदियों को छुआ। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी वीरभद्र सिंह देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 1976 में यूएनओ गए प्रतिनिधिमंडल में वीरभद्र सिंह भी सदस्य रहे थे।
स्काउट एंड गाइड्स मूवमेंट के लिए वीरभद्र सिंह को सिल्वर एलीफेंट और पर्यावरण सरंक्षण अभियान के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान वीरभद्र सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया था । उन्होंने कहा था कि वह कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस नेताओं के कहने पर वह राजनीति में आए। 15 मई 2019 को शिमला के संजौली में जनसभा में वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनका सपना था कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रोफेसर बनें। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राजनीति में आने को कहा और उनके कहने पर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
CM जयराम ठाकुर ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को दी जन्मदिन की बधाई :
CM जयराम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज उनके 87वें जन्मदिन पर ट्वीट कर बधाई दी। CM जय राम ठाकुर ने ट्वीट किया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु की ईश्वर से कामना करतें ।

साभार: हिमदर्शन, सोशल मीडिया। सन्दर्भ सूूत्र: विकिपीडिया
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