महंगाई की मार : हिमाचल में बिजली और शराब महंगी.. आइए आपको बताते हैं कि हिमाचल में इस वित्त वर्ष में क्या कुछ बदला है ? पढ़ें ये खबर..

शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 02, अप्रैल)हिमाचल प्रदेश में अप्रैल 2023 से बहुत कुछ बदला है, जिसका आम लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा। सरकार की तरफ से लिए गए फैसलों के चलते हिमाचल में 2023—24 वित्त वर्ष के लिए नए नियम लागू होंगे। 1 अप्रैल से यह नियम लागू हो गए हैं। इसके चलते हिमाचल में अब शराब और बिजली महंगी हो जाएगी। साथ ही नई पेंशन योजना भी प्रदेश में लागू हो गई है। आइए आपको बताते हैं कि हिमाचल में क्या कुछ बदला है…
ओपीएस लागूः
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अपनी चुनावी गारंटी को पूरा किया है औऱ सूबे में कर्मचारियों की मांग के अनुसार अब ओल्ड पेंशन योजना को लागू कर दिया है। अप्रैल से अब न्यू पेंशन योजना के लिए कर्मचारियों की सैलरी से पैसे नहीं कटेंगे।
गौर हो कि भले ही हिमाचल में कांग्रेस ने OPS लागू करके पहले से फलफूल रहे कर्मचारियों को खुश कर दिया हो लेकिन सूबे में लाखों युवा ऐसे भी है जो कई साल से रोजगार दफ्तरों में अपना नाम पंजीकृत किए हैं और बार-बार अपने पंजीकरण का नवीनीकरण करते जा रहे हैं लेकिन रोजगार के नाम पर आज तक एक बार भी नाम नहीं निकला है।
शराब महंगी हुईः
हिमाचल प्रदेश में अब शराब को लेकर 1 अप्रैल से नई नीति लागू होगी। सरकार ने नई नीति के तह 370 करोड़ रुपये से अधिक आय प्राप्त की है। साथ ही बजट में शराब की बोतल पर मिल्क सेस भी लगाया गया है। इससे प्रदेश में 5 रुपये से 20 रुपये तक प्रति बोतल महंगी होगी। हालांकि शराब पर कभी काऊ सेस तो कभी मिल्क सेस लगाकर करोड़ों ऐंठा जा रहा है लेकिन गऊ माता आज भी सड़कों पर हैं। अर्थात जिस भी प्रदेश की सरकार गऊ माता के नाम पर पैसा बटोरकर गऊ हित मे नही लगाएगी तो वह सरकार व प्रदेश कभी भी आगे नही बढ़ पायेगा।
महिलाओं को 1500 रुपयेः
हिमाचल में कांग्रेस ने अपनी दूसरी गारंटी को भी पूरा किया है और अब प्रदेश की 2.31 लाख महिलाओं को हर माह 1500 रुपये मिलेंगे। जबकि हिमाचल में कुल आबादी में से 30 लाख से ज्यादा महिलाएं हैं। बता दें कि, चुनाव से पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि प्रदेश की हर महिला को 1500 रुपये मिलेंगे, लेकिन अब सत्तासीन होने के बाद पलटी खा ली है। प्रदेश में किसी भी दल की सरकार बने वह कभी भी अपनी लोकलुभावनी घोषणाएं पूरी नही कर पाती है यही कारण है कि सूबे में भी हर पांच साल में तख्तापलट हो जाता है।
दिहाड़ी में इजाफाः
हिमाचल प्रदेश में नए वित्त वर्ष में अब दिहाड़ी में 25 रुपये इजाफा किया गया है। अब मजदूरों को 375 रुपये दिहाड़ी मिलेगी. साथ ही हिमाचल में पंचायत प्रतिनिधियों को भी बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। इसमें प्रधान, नगर परिषद अध्यक्ष, मेयर सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं।
ऑउटसोर्स कर्मी बाहरः
हिमाचल में सरकार ने अपने तीन माह के कार्यकाल में कई निजी कंपनियों से करार खत्म कर दिया है। ऐसे में अब तक करीब 1800 ऑउटसोर्स कर्मी नौकरी से बाहर हो चुके हैं। 31 मार्च को कई और कंपनियों से करार खत्म हो गया है और ऐसे में अब और ऑउटसोर्स कर्मी भी बाहर हो जाएंगे। साथ ही आशा वर्कर और आगंनबाड़ी वर्करों का वेतन भी बढ़ा है। एसएमसी शिक्षकों का वेतन 2000 रुपये बढ़ाया गया है।
टोल बैरियर में इजाफा:
हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाईवे अथॉरिटी के टोल प्लाजा पर 10 फीसदी अधिक टोल चुकाना होगा। सोलन के सनावरा और कुल्लू के डोभी टोल प्लाजा पर 1 एक अप्रैस से अब क्रमश 70 और 80 रुपये चुकाने होंगे। कुल्लू के डोभी टोल प्लाजा में एक साल में तीन बार रेट बढ़े हैं।
शिमला में कूड़ा रेटः
शिमला में नगर निगम के जद में आने वाले घरों से कूड़ा उठाने के रेट 10 फीसदी बढ़ गए हैं। अब 117 प्रति महीना दर से निगम कूड़ा उठवाएगा। इससे पहले 105 रुपये देने होते थे। बता दें कि शिमला में कूड़ा उठाने का रेट 40 रुपये से शुरू हुआ था जिसमे महज कुछ ही सालों में 300 फीसदी वृद्धि हो चुकी है।
छात्रों को सब्सिडीः
हिमाचल में 20 हजार मेधावी बच्चों को सरकार सब्सिडी देगी। ई-स्कूटी खरीदने पर सरकार की तरफ से 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही स्पॉर्ट्स हॉस्टल में डाइट मनी 120 के बजाय 240 रुपये मिलेगी
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