अप्रैल-जून 2020 के दौरान 111.61 लाख एमटी उर्वरक की रिकॉर्ड बिक्री….

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फ़ोटो साभार: न्यूज18

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शिमलाः ( पहाड़ी खेती, समाचार ) 

राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग ने किसान समुदाय को उर्वरकों की रिकॉर्ड बिक्री की है।

अप्रैल-जून 2020 के दौरान किसानों को उर्वरकों की पीओएस बिक्री 111.61 लाख एमटी रही जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 61.05 लाख एमटी की बिक्री की तुलना में 82.81% अधिक है।

इस अवधि के दौरान किसान समुदाय को 64.82 लाख एमटी यूरिया (पिछले साल की तुलना में 67% अधिक), 22.46 लाख एमटी डीएपी (पिछले साल की तुलना में 100% अधिक) और 24.32 लाख एमटी कॉम्पलेक्स उर्वरक (पिछले साल से 120% अधिक) की बिक्री की गयी जो की उर्वरक की रिकॉर्ड बिक्री है।

फ़ोटो साभार: द इकोनॉमिक् टाइम्स

राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 लॉकडाउन के कारण परिवहन संबंधी प्रतिबंधों के बावजूद, उर्वरक विभाग, रेल मंत्रालय, राज्य सरकारों और बंदरगाहों के ठोस प्रयासों के साथ, देश में उर्वरकों का उत्पादन और आपूर्ति बिना किसी बाधा के जारी है।

 यह रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा आगामी खरीफ सीजन के लिए किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि हम खरीफ सीजन के दौरान उर्वरक के स्टॉक और किसानों को उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। राज्य सरकारों को उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि हम राज्यों के कृषि मंत्रियों के संपर्क में हैं। श्री गौड़ा ने कहा कि उनका मंत्रालय, बुवाई से पहले किसान समुदाय को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

30 जून को, 73 उर्वरक रेक संयंत्रों और बंदरगाहों से रवाना किये गए। यह एक दिन में उर्वरकों के परिवहन की सबसे बड़ी खेप है। एक रेक एक बार में 3000 एमटी भार वहन करती है।

भारत सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत देश में उर्वरक संयंत्रों के संचालन की अनुमति दी है ताकि कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन के कारण किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

उर्वरक संयंत्रों, रेलवे स्टेशनों और बंदरगाहों पर उर्वरकों की लोडिंग और अनलोडिंग का काम जोरों पर है, लेकिन कोविड-19 से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है। श्रमिकों और अन्य सभी कार्यरत कर्मचारियों को मास्क और रोकथाम के अन्य सभी उपकरण उपलब्ध कराया गए हैं।

साभार:पी. आई. बी., भारत सरकार,

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