हिमाचल दिवस पर विशेष : “हिमाचल का गौरवशाली इतिहास” जानिए हिमाचल दिवस से जुड़ी कुछ रोचक बातें..

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हिमाचल दिवस की आप सभी को पहाड़ी खेती, समाचार की ओर से बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं


पहाड़ी खेती, समाचार  के सभी पाठकों को नमस्कार, आज हम बात करने वाले हैं हिमाचल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?

हिमाचल दिवस 15 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है ? हिमाचल में इस दिवस का महत्व है और इसका इतिहास क्या है ? यही नहीं इस लेख में आपको हिमाचल दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी जानने को मिलने वाले हैं। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको जरूर पसंद आएगी।

शिमला:  पहाड़ी खेती, समाचार (15, अप्रैल ) हिमाचल प्रदेश का आज अपना स्थापना दिवस धूमधाम से मना रहा है। आजादी के बाद 15 अप्रैल, 1948 को 28 पहाड़ी रियासतों को मिलाकर नया राज्य बनाया गया था। बताया जाता है कि यहां प्राकृतिक सौंदर्य और लोगों की सादगी के अलावा कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिनकी वजह से हिमाचल पूरे देश में सबसे आगे है।

हिमाचल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?

हिमाचल दिवस हर साल 15 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन हिमाचल प्रदेश की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण और गौरवशाली दिन है। 15 अप्रैल, 1948 में हिमाचल प्रदेश को एक अलग राज्य के रूप में अलग करने के बाद से हर साल इस दिन को हिमाचल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सभी नागरिकों द्वारा गौरवपूर्ण तरीके से मनाया जाता है, जिसमें स्थानीय गाने, नृत्य, परंपरागत खेल और आदिवासी विरासत का प्रदर्शन शामिल होता है। यह दिन हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में गर्व और गौरव का प्रतीक है जो उसकी स्थानीय विरासत, संस्कृति, और ऐतिहासिक महत्व को मान्यता देता है।

15 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश की गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, और विरासत को याद करते हुए मनाया जाता है तथा यह दिन प्रदेश की विकास और प्रगति की दिशा में एक गौरवपूर्ण उपलब्धि को याद दिलाता है।

हिमाचल का गौरवशाली इतिहास..

हिमाचल दिवस का इतिहास बहुत गौरवशाली है। यह दिन हिमाचल प्रदेश की स्थापना की याद में मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश की स्थापना 15 अप्रैल, 1948 में की गई थी जब इसे एक अलग राज्य के रूप में पहचान मिली थी। इस दिन को हर साल हिमाचल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिमाचल दिवस की शुरुआत मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में आयोजित समारोहों के रूप में की जाती है। इन समारोहों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, परंपरागत नृत्य और गाने, विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ, शिक्षण संस्थानों और स्कूल के बच्चों की प्रस्तुतियाँ, आदिवासी गीत और नृत्य शामिल होते हैं। यह दिन हिमाचल प्रदेश की संस्कृति, विरासत, और ऐतिहासिक महत्व को याद दिलाता है तथा राज्य की विकास और प्रगति की दिशा में गौरवपूर्ण उपलब्धि को स्मरण कराता है।

जानिए राज्य से जुड़ी 11 रोचक बातें

  1. ‘हिमाचल प्रदेश’ नाम संस्कृत के विद्वान आचार्य दिवाकर दत्त शर्मा ने दिया था। हिमाचल दो शब्दों से मिलकर बना है- हिम+अचल। हिम यानी बर्फ और अचल यानी पहाड़।
  2. हिमाचल प्रदेश भारत का 18वां राज्य बना था। इसमें 28 पहाड़ी रियासतें मिलाई गई थीं।
  3. हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि’ कहलाता है, क्योंकि यहां गांव-गांव में देवता व मंदिर हैं। साथ ही हर जगह लोकप्रिय मेले और त्योहार आदि मनाए जाते हैं।
  4. राज्य की इकॉनमी तीन चीज़ों पर निर्भर करती है- 1 बिजली 2. पर्यटन 3. खेती/बागवानी।
  5. देश में पॉलिथीन और तंबाकू पर बैन लगाने के बाद उसे सही तरीके से लागू करने में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे है।
  6. धर्मशाला स्थित HPCA क्रिकेट स्टेडियम दुनिया के सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम में से एक है।
  7. UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल शिमला-कालका रेलमार्ग और पठानकोट-जोगिंदरनगर मार्ग काफी प्रसिद्ध है।
  8. हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक भाषा हिंदी और अंग्रेजी है, लेकिन पहाड़ी भाषाओं का भी बोलचाल में बड़ा प्रभाव है।
  9. कांगड़ा का बिलिंग (बीड़) पूरी दुनिया में पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर है। यहां से उड़ान भरने के लिए देश-विदेश से सैकड़ों पायलट आते हैं।
  10. हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक भोज को ‘धाम’ कहा जाता है। विशेष ढंग से बनाए गए व्यंजनों को पत्तों की थाली में परोसकर जमीन पर बैठकर खाते हैं।
  11. राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस समारोह आज 15 अप्रैल को काजा में आयोजित किया जा रहा है ताकि सरकार दूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को भी जान सके। CM सुक्खू का कहना है कि प्रदेश का एक समान विकास करवाना सरकार का लक्ष्य है। बेशक प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है।

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