सेमीकंडक्टर निर्माण में “वर्कफोर्स” का हब बनेगा भारत,100 से अधिक विश्‍वविद्यालय कराएंगे कोर्स……

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नई दिल्ली: पहाड़ी खेती, समाचार (17, मई )वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा बनने के लिए भारत एक इको सिस्टम तैयार कर रहा है। इस दिशा में भारत सबसे पहले सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए जरूरी वर्कफोर्स तैयार कर रहा है।

यह वर्क फोर्स दुनिया भर की जरूरतों को पूरा करेगा।

विश्वविद्यालयों में सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ी पढ़ाई होने जा रही शुरू

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों में सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ी पढ़ाई शुरू होने जा रही है। उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर निर्माण के वर्कफोर्स को तैयार करने को ध्यान में रखते हुए ही अमेरिका के पड्यू विश्वविद्यालय के साथ हाल ही में समझौता किया गया है। इस समझौते के तहत पड्यू विश्वविद्यालय भारत के विश्वविद्यालयों के साथ डुअल डिग्री पाठ्यक्रम शुरू कर सकता है। भारत में अपना परिसर स्थापित कर सकता है।

2030 तक सेमीकंडक्टर का बाजार एक ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा

पड्यू विश्वविद्यालय सेमीकंडक्टर पर रिसर्च के साथ चिप डिजायनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े ऑनलाइन और हाइब्रिड प्रोग्राम की शुरुआत कर सकता है। संचार मंत्री के मुताबिक वर्ष 2030 तक सेमीकंडक्टर का बाजार एक ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा और भारत अगले 20 साल को ध्यान में रखते हुए इसकी तैयारी कर रहा है।

उन्होंने बताया कि शुरू में भारत में बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम के निर्माण को लेकर कई दुविधाएं थीं, लेकिन अब भारत में एप्पल का भी मोबाइल फोन बन रहा है। उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर निर्माण में ग्रीन फ्यूल का इस्तेमाल होगा और 20,000 मेगावाट ग्रीन फ्यूल इस निर्माण के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।

साभार: एजेंसियां, जागरण, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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