अंडमान द्वीप पर आया भूकंप का तेज झटका, रिक्टर पैमाने पर 5.8 मापी गई तीव्रता…..

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अंडमान द्वीप: पहाड़ी खेती, समाचार (29, जुलाई )अंडमान द्वीप पर शुक्रवार देर रात भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। किसी भी तरह का अलर्ट भी जारी नहीं किया गया है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप देर रात करीब 12 बजकर 53 मिनट पर महसूस किया गया। इसका केंद्र जमीन से 69 किलोमीटर गहराई में था।

फोटो साभार: सोशल मीडिया नेटवर्क

अरुणाचल में 4.0 तीव्रता का आया भूकंप, कोई हताहत नहीं
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने कहा कि अब तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र सियांग जिले के पांगिन के उत्तर में 10 किमी की गहराई में था। इससे पूर्व 22 जुलाई को 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था।

फोटो साभार: सोशल मीडिया नेटवर्क

क्यों और कैसे आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

साभार: एजेंसियां, अमर उजाला,सोशल मीडिया नेटवर्क।

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