MBBS काउंसलिंग: हिमाचल कोटे में स्थायी हिमाचली प्रमाणपत्र पर प्रवेश के फैसले का विरोध, पढ़ें पूरी खबर…..

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शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार (31, जुलाई ) एमबीबीएस की काउंसलिंग में हिमाचली कोटे में स्थायी हिमाचली प्रमाण पत्र के आधार पर एडमिशन करने से नीट परीक्षा पास किए हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। प्रशिक्षु एमबीबीएस में हिमाचली कोटे से एडमिशन उन अभ्यार्थियों को मिलती है जिन्होंने आठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी विद्यालय से पास की हो।

इस वर्ष नीट परीक्षा का परिणाम आने के बाद हिमाचल सरकार ने 18 जुलाई को अधिसूचना जारी की है, जिसमें केवल हिमाचली कोटे में स्थायी हिमाचली प्रमाण पत्र के आधार पर एडमिशन देने का फैसला लिया है, जोकि सरासर गलत है। इससे प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। प्रशिक्षुओं ने कहा कि यह फैसला कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।

आज से पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी। अभ्यर्थी अंकिता ठाकुर, सानिया, राहुल कुमार, आयुषी, साहिल, समर्थ वशिष्ठ ने कहा कि एमबीबीएस में हिमाचली कोटे से एडमिशन उन अभ्यार्थियों को मिलती है, जिन्होंने आठवीं से जमा दो तक की पढ़ाई शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालय से पास की हो और प्रदेश का स्थायी निवासी हो।

हिमाचल के साथ लगते राज्य पंजाब में भी उन्हीं अभ्यर्थियों को पंजाब कोटे की सीटों पर एमबीबीएस में एडमिशन मिल रही है जिन्होंने पढ़ाई पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी विद्यालय से पास की हो। सरकार के फैसले का अभ्यर्थी और उनके अभिभावक पुरजोर विरोध कर रहे हैं। सरकार को चेताया कि फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाए, अन्यथा अभ्यर्थी मजबूरन कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे।

साभार: एजेंसियां, अमर उजाला,सोशल मीडिया नेटवर्क।

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