उत्तरकाशी: सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों से वॉकी-टॉकी पर हुई बात, जिंदगी के साथ-साथ भूख से भी लड़ रहे जंग, पढ़ें पूरी खबर….

IMG_20231113_120430
Spread the love

फंसे श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है। श्रमिकों ने बताया कि वह सुरक्षित हैं तथा भोजन की मांग की है।

उत्तरकाशी: पहाड़ी खेती, समाचार ( 13, नवम्बर ) उत्तराखंड में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग के धंस जाने से उसमें काम कर रहे लगभग 40 मजदूर फंस गए हैं। मजदूरों को बचाने का काम जारी है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। सुरंग में 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चला।

मलबे को रोकने का प्रयास जारी

शॉर्ट क्रिएटिंग मशीन के द्वारा कैविटी से गिर रहे मलबे को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन, वह सफल नहीं हो पा रहा है। देर रात को शॉर्ट क्रिएटिंग मशीन को सुरंग से बाहर लाया गया है। लोडर के जरिए लूज मालवा को कैविटी क्षेत्र से 30 से 40 मीटर पीछे लाया जा रहा है।

वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे श्रमिकों से संपर्क

सिलक्यारा कंट्रोल रूम की ओर से सुबह तड़के जानकारी दी गई कि वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे श्रमिकों से संपर्क हुआ है। सभी की कुशलता बताई गई। फंसे हुए श्रमिकों ने खाने की मांग की गई। जिन्हें पाइप के थ्रू खाना भिजवाया जा रहा है‌ विक्टिम्स तक की दूरी 60 मीटर के करीब है।

टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।

टनल के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है।

पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी और अब ठीक हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों का आदान-प्रदान किया गया है।

साभार: एजेंसियां, सोशल मीडिया नेटवर्क।

About The Author

You may have missed