“न्यूट्री गार्डन व किचेन गार्डन ” विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित….

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शिमलाः  पहाड़ी खेती, समाचार,  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, शिमला के टुटीकंड़ी फार्म पर 1 सितम्बर, 2021 से 30 सितम्बर, 2021 तक चल रहे पोषण माह के अंतगर्त आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं के लिये “न्यूट्री गार्डन व किचेन गार्डन ” बनाने के विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बाल विकास अधिकारी, शिमला (शहरी) की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इस केंद्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. धर्म पाल, प्रधान वैज्ञानिक ने सबका स्वागत करके किया। उन्होंने विभिन्न सब्जियों की किस्मो के बारे मे विस्तार से जानकारी दी। मुख्य अतिथि डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिये पोषण के महत्व के बारे में बताया ।

डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने कार्यकर्ताओं को छोटी जगह और गमलों में स्थानीय तौर पर उपलब्ध संसाधनों की सहायता से पौष्टिक और रसायन मुक्त सब्जियां एबं फल बिशेष कर स्ट्राबेरी, किबि, निम्बु तैयार करने के बारे मे जानकारी दी । उन्होंने नियमित भोजन में फलों एवं सब्जियां तैयार करने के बारे मे जानकारी दी तथा उन्नत बीज उपयोग करने के लिये बताया । उन्होंने नियमित खाने में फलों एवं हरी सब्जियों के समावेश के फायदे बताये। डॉ. धर्म पाल, प्रधान वैज्ञानिक ने भी प्रशिक्षण के विषय पर प्रशिक्षओं को जागरुक किया एबं आंगनबाड़ी केंद्रों में न्यूट्री गार्डन के बारे मे बताया।

डॉ. अरुन कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक ने घर पर आसानी से केंचुआ खाद बनाने की विधि के बारे मे जानकारी दी एबं उसका उपोयोग न्यूट्री गार्डन व किचेन गार्डन मे करने के लिये बताया। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक,डॉ. मधु पटियाल ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अनुसंधान संस्थान टुटीकंड़ी फार्म का दौरा भी कराया तथा उन्हें गेंहु-जौ के पोषण के बारे मे जानकारी दी। इसके बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी, शिमला शहरी तथा परियोजना से जुडे‌ अन्य अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया ।

इस अवसर पर डी.पी.ओ. श्रीमती वंदना चौहान, सी.डी.पी.ओ. श्रीमती ममता पॉल शर्मा, पर्यवेक्षक श्रीमती नर्वदा शर्मा, पोषण समन्वयक सुश्री सुनीता ठाकुर सहित लगभग पचांस कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रही ।

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