पेन्सिलवेनिया राष्ट्रमण्डल : भारत और संयुक्त अरब अमीरात की विशेष दूत कनिका चौधरी ने “जायका” मुख्यालय वन विभाग पोटर हिल का दौरा किया ।

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शिमलाः  पहाड़ी खेती, समाचार, पेन्सिलवेनिया राष्ट्रमण्डल की भारत और संयुक्त अरब अमीरात की विशेष दूत कनिका चौधरी ने आज जायका ( JICA Forestry Project )मुख्यालय वन विभाग पोटर हिल का दौरा किया ।


मुख्य परियोजना निदेशक जायका वानिकी परियोजना के साथ उन्होंने इस दौरान बैठक कर बताया कि वह वानिकी परियोजना के उददेश्य से पेन्सिलवेनिया राष्ट्रमंडल का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जिसके तहत परस्पर इस संबध में किए जा रहे कार्यो की उपयोगिता को सांझा किया जा सके ।


बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना अधिकारी जायका नागेश गुलेरिया ने प्रदेश में चल रही जायका फोरस्टी परियोजना की गतिविधियों से अवगत करवाया ।


उन्होंने , बताया कि प्रदेश में 800 करोड़ रू0 की जायका फोरेस्टी योजनाऐं सात वन वृतों, 18 खण्डों तथा 61 रेंजों में क्रियान्वित की जा रही है जिसके तहत मण्डी, कुल्लू, बिलासपुर, शिमला, किन्नौर एवं लाहौल स्पिति जिले शामिल है। उन्होंने बताया कि वानिकी परिस्थितिकीय तंत्र प्रबन्धन योजना अथवा सामुदायिक जैव विविधता प्रबन्धन योजना को सभी हितकारकों की भागेदारी सुनिश्चित करते हुए योजनाऐं बनाई जा रही है । उन्होंने बताया कि आजीविका घटकों के तहत 382 स्वंय सहायता समूहों का गठन किया गया है इसके तहत 345 समूह महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे है जिनमें से 80 उद्यमी योजनाओं में 15 आय सृजन एवं वृद्धि की दृष्टि से कार्य किया जा रहा है ।


 उन्होंने विशेष दूत को विभिन्न पर्यावरण, सामाजिक आर्थिक व औषधीय इस्तेमाल वाले चरमा औषधीय पौधा जो लाहौल स्पिति और किन्नौर के प्राकृतिक वातावरण और सीमांत भूमि पर उगता है के बारे में भी जानकारी दी । उन्होंने बताया कि जायका फोरेस्ट्री परियोजना के तहत चरमा के एक लाख पौधे लाहौल स्पिति वन मंडल में आगामी वर्ष तक लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
कनिका चौधरी ने प्रदेश की सम्पन्न जैव विविधता की सराहना करते हुए इसके प्रचार प्रसार की विधि और औषधीय गुणों तथा विभिन्न चरमा औषधी के विभिन्न उत्पादों के संबध में जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुकता जाहिर की ।  


उन्होंने इस अवसर पर चिनार का पौधा भी रोपित किया ।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो0 अरविन्द कुमार भटट, जडी बूटी प्रकोष्ट के  सेवानिवृत निदेशक डा0 आरसी कंग और राजेश शर्मा व जायका परियोजना प्रबंधन के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे। 

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