शिमला : मंदिरों के भंडारे और प्रसाद पर भी खाद्य सुरक्षा विभाग की पैनी नजर, पढ़े पूरी खबर..

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खाद्य सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरा जाखू मंदिर में होने वाला भंडारा, प्रदेश भर के 13 मंदिरों का प्रसाद व भन्डारे को किया गया प्रमाणित, पढ़े पूरी खबर

शिमलाः  पहाड़ी खेती, समाचार, अब प्रसाद और भंडारे पर भी खाद्य सुरक्षा विभाग की नजर है। सरकार की ओर से सुरक्षित खान-पान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब धार्मिक स्थलों प्रसाद और भंडारे की जांच हो रही है। मंदिरों, मस्जिदों, दरगाहों और गुरुद्वारों पर वितरित होने वाले प्रसाद, भंडारा व लंगर को खाद्य सुरक्षा के मानकों के स्तर तक लाने के लिए प्रमाणित किया जा रहा है। पहले चरण में प्रदेश के जिन ऐतिहासिक मंदिरों को चयनित किया गया उनमें शिमला का जाखू मन्दिर खाद्य सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरा है।

बात दें कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा के मानकों पर 13 मंदिरों का भंडारा (भोग) व प्रसाद प्रमाणित हुए हैं। इनमें राजधानी शिमला शहर का जाखू मंदिर, संकटमोचन मन्दिर और ढींगूधार मंदिर शामिल हैं। स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग की सह आयुक्त डॉ. विजया ने इसकी पुष्टि की है।

प्रथम स्थान पर जिला सोलन का जटोली मंदिर, दूसरे स्थान पर शिमला का जाखू मंदिर और तीसरे स्थान पर संकटमोचन मंदिर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जाखू मंदिर में भक्तों के लिए बनने वाला प्रसाद एवं भंडारा खाने के लिए सुरक्षित है। यहां का प्रसाद खाद्य सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरा है। नई दिल्ली से इन्हें प्रमाणित किया गया है। प्रदेश भर के 13 मंदिरों में शिमला के जाखू स्थित हनुमान मंदिर को दूसरा स्थान मिला है।

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग की टीम ने शहर के चुनिंदा मंदिरों में यह सर्वे करवाया था। इसमें यहां बना भंडारा कितना सुरक्षित है आदि की जानकारी हाशिल की गई थी।

मंदिरों में होने वाले भंडारे और प्रसाद की विभाग की ओर से इस दौरान पूरे मापदंडों की पालना की गई थी। वहीं “ईट राइट ” कैंपस के तहत सचिवालय की कैंटीन के खाने की गुणवत्ता भी बेहतर पाई गई हैं। इसके अलावा ट्रिपल एच को भी बेहतरीन हाईजिन रेटिंग में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग की ओर से बेहतरीन आंका गया है। आशा है कि शासन की इस सर्वे को श्रद्धालुओं द्वारा खूब सराहा जाएगा।

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