हिमाचल प्रदेश में अब बच्चे रोजाना आएंगे स्कूल, 11 अक्तूबर से लगेगी नियमित कक्षाएं, मानने होंगे कोरोना के ये नियम, पढ़े पूरी खबर

Spread the love

हिमाचल में 12 अगस्त से स्कूल बंद थे और 27 सिंतबर को डेढ़ माह बाद स्कूल खुले हैं. सूबे में 9 वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे. चार कक्षाओं के बच्चों को तीन-तीन दिन के अंतराल पर बुलाया जा रहा है. अब हिमाचल प्रदेश में बच्चे रोजाना स्कूल आएंगे, 11 अक्टूबर से 8वीं से 12वीं तक के बच्चे डेली बुलाए गए हैं, स्कूलों में कोरोना नियमों का करना होगा पालन, पढ़े पूरी खबर..

शिमलाः  पहाड़ी खेती, समाचार, हिमाचल प्रदेश में सोमवार से स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। 8वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चे रोज स्कूल आएंगे। देर रात तक चली स्वास्थ्य सचिवों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बच्चों को रोजाना स्कूल में बुलाने की हामी भरी गई। अब सोमवार से 8वीं से 12वीं तक के बच्चे रोज स्कूल आएंगे।

लंबे समय से अभिभावक और छात्र यही कह रहे थे कि उनकी कक्षाएं रोजाना लगनी चाहिएं। इसी मांग को देखते हुए राजस्व, स्वास्थ्य और शिक्षा सचिवों की बैठक हुई। इस बैठक में 7वीं तक के छात्रों को भी स्कूल बुलाने पर चर्चा हुई। लेकिन कोरोना के मामलों को देखते हुए अभी सरकार पहली से 7वीं तक के छात्रों को स्कूल नहीं बुला रही। दशहरे के बाद 5वीं से 7वीं तक के छात्रों को स्कूल बुलाया जा सकेगा।

सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए कुछ दिन पहले ही स्कूल खोल दिए थे। सप्ताह के पहले 3 दिन 10वीं और 12वीं के बच्चे स्कूल आते हैं और सप्ताह के अंत के 3 दिन 9वीं और 11वीं के बच्चे स्कूल आते हैं। दोनों कक्षाओं के बच्चों के स्कूल आने के समय में 15 मिनट का अंतर रखा गया है। 1-1 डेस्क छोड़कर बच्चे क्लास में बैठते हैं। बिना मास्क के किसी को भी एंट्री नहीं मिल रही। गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग हो रही। लेकिन अल्टरनेट दिनों पर बुलाने के चलते छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई बाधित हो रही। ऐसे में उन्हें रोजाना स्कूल बुलाया जाना चाहिए। यही वजह है कि सरकार ने 8वीं से 12वीं तक के बच्चों को रोजाना स्कूल बुलाने का निर्णय ले लिया।

स्वास्थ्य शिक्षा, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग के सचिवों ने देर शाम तक बैठक में मंथन किया। शिक्षा विभाग जहां पहली से छात्रों को स्कूल बुलाने की बात कर रहा था, वहीं स्वास्थ्य विभाग संक्रमण का हवाला देते हुए छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने से मना कर रहा था। लगातार यही तर्क दिया जा रहा था कि बच्चे अभी वैक्सीनेट नहीं हुए हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा है और सरकार यह रिस्क नहीं उठा सकती। ऐसे में अंत में 8वीं से 12वीं तक के बच्चों को ही नियमित स्कूल बनाने पर सहमति बनी।

सरकार 8वी से 7वीं तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाने का निर्णय ले सकती है। नवरात्रि खत्म होने के बाद इन कक्षाओं के बच्चों को भी स्कूल बुलाया जा सकता है। फिलहाल बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ाई करते रहेंगे।

You may have missed