प्रसार भारती द्वारा प्रसारण सुधार से नई प्रौद्योगिकी और कंटेंट के अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा

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नई दिल्ली:  पहाड़ी खेती, समाचार, 

दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो में पिछले कुछ वर्षों से प्रसारण सुधारों को लागू करते हुए प्रसार भारती एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी ट्रांसमीटर जैसी अप्रचलित प्रसारण तकनीकों को तेजी से बाहर कर रहा है, जिससे उभरती हुई प्रौद्योगिकियों तथा नए कंटेंट के अवसरों में बदलाव का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।

कुछ मीडिया प्रतिष्ठानों से प्रकाशित होने वाली भ्रामक सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए, प्रसार भारती ने स्पष्ट किया है कि अप्रचलित एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी ट्रांसमीटरों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए प्रसारण सुधार कदमों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। हाल ही में डीडी सिलचर, डीडी कलबुर्गी आदि के बारे में ऐसी झूठी खबरें सामने आई हैं। प्रसार भारती ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये डीडी केंद्र यूट्यूब और सोशल मीडिया सहित डिजिटल मीडिया पर अपनी उपस्थिति बनाए रखने के अलावा अपने-अपने राज्यों को समर्पित दूरदर्शन के उपग्रह चैनलों पर प्रसारण के लिए कार्यक्रम कंटेंट तैयार करना जारी रखेंगे। उदाहरण के लिए डीडी सिलचर और डीडी कलबुर्गी द्वारा बनाये गए कार्यक्रम अब क्रमशः डीडी असम और डीडी चंदना पर प्रसारित किये जायेंगे। 

एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी एक अप्रचलित तकनीक है और इसे चरणबद्ध रूप से हटाना सार्वजनिक तथा राष्ट्रीय हित दोनों में है क्योंकि यह बिजली पर होने वाले व्यर्थ खर्च को कम करने के अलावा 5जी जैसी नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए मूल्यवान स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराता है। अब तक सभी एनालॉग ट्रांसमीटरों में से लगभग 70% को चरणबद्ध तरीके से बाहर कर दिया गया है। बाकी को चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है तथा कर्मचारियों की पुन: तैनाती के लिए उचित उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। सामरिक महत्त्व के स्थानों में लगभग 50 एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी ट्रांसमीटरों को छोड़कर प्रसार भारती 31 मार्च 2022 तक शेष अप्रचलित एनालॉग ट्रांसमीटरों को बाहर कर देगा।

एटीटी फेज आउट और संसाधन युक्तिकरण की समयरेखा :

5जी ब्रॉडकास्ट जैसे उभरते मानकों के अनुरूप डिजिटल टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग के लिए नेक्स्ट जेन ब्रॉडकास्ट सॉल्यूशन/रोडमैप विकसित करने के लिए प्रसार भारती ने आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं, ताकि डायरेक्ट टू मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग जैसे नए एप्लिकेशन को सक्षम बनाया जा सके और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम के इस्तेमाल के जरिए नए कंटेंट के अवसर पैदा किए जा सकें।

 डीडी फ्री डिश और डीटीएच के माध्यम से डीडी असम सहित दूरदर्शन के सभी चैनल तथा कई निजी चैनल प्रसार भारती द्वारा पूरे भारत में बिना किसी मासिक शुल्क के मुफ्त उपलब्ध कराए गए हैं। डीडी फ्री डिश डीटीएच चैनलों को “फ्री टू एयर मोड” में प्राप्त करने के लिए सेट-टॉप बॉक्स बाजार से एकमुश्त निवेश के रूप में खरीदे जा सकते हैं और इसके माध्यम से कई शैक्षिक चैनलों के साथ-साथ आकाशवाणी के 40 से अधिक सैटेलाइट रेडियो चैनलों सहित 120 से अधिक फ्री टू एयर टीवी चैनल देखे जा सकते हैं।

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